उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ा यात्रा पर लगाया प्रतिबंध, कांवड़ियों की हरिद्वार में एंट्री पर रोक
कोविड-19 संक्रमण के चलते इस साल भी कांवड यात्रा नहीं होगी।
कोविड-19 संक्रमण के चलते इस साल भी कांवड यात्रा नहीं होगी। उत्तराखंड सरकार ने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कांवड़ यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने प्रदेश के पड़ोसी राज्यों से आने वाले कांवड़ियों से अनुरोध किया है कि वह कांवड़ लेककर उत्तराखंड के किसी भी शहर में प्रवेश न करें। कहा कि हरिद्वार में कांवड़ियों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। कुमार ने कहा कि सावन महीने में यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर सील कर दिया जाएगा। मंगलवार को पुलिस विभागों की अंतर-राजकीय बैठक के बाद, डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि हरिद्वार कुंभ से सबक लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है।
उन्होंने चेताया कि प्रतिबंध के बाद भी कांवड़ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं पर महामारी एक्ट में केस दर्ज किया जाएगा। कहा कि ऐसे श्रद्धालुओं से पुलिस द्वारा सख्ती से निपटा जाएगा। विदित है कि कुंभ मेले के दौरान रियायत दिए जाने की वजह से सरकार को किरकिरी का सामना करना पड़ा है। इसलिए सरकार ने ऐहतियातन कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है। डीजीपी ने सभी शिवभक्तों से अपील है कि वह अपने आसपास के शिवालयों में ही जल चढ़ाएं। कोरोना संक्रमण से खदु को बचाएं और दूसरों की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखें। बैठक में पंजाब, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों के पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
कांवड़ यात्रा:
हर साल सावन के महीने में बड़ी तादाद में शिवभक्त उत्तराखंड में गोमुख, देवप्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार आकर गंगाजल ले जाते हैं। शिवरात्रि के दिन इस गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। कोविड-19 को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय किया है। इसके विधिवत आदेश जारी कर दिए गए हैं। चूंकि,पड़ोसी राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु कांवड़ लेकर उत्तराखंड आते हैं, ऐसे में प्रदेश में संक्रमण दोबारा फैलने की आशंका है।