Uttar Pradesh : 100 साल पुरानी ईदगाह को हटाने के लिए समुदाय ने दी सहमति; ये है वजह

देश में जमीन को लेकर हर जगह ही बहुत विवाद होते हैं. ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि बिना किसी कानूनी पचड़े में पड़े आपसी सहमति से जमीन विवाद को सुलझा लिया जाए

Update: 2021-07-26 14:48 GMT

देश में जमीन को लेकर हर जगह ही बहुत विवाद होते हैं. ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि बिना किसी कानूनी पचड़े में पड़े आपसी सहमति से जमीन विवाद को सुलझा लिया जाए. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. अलीगढ़ (Aligarh) के अकराबाद के नानऊ गांव के लोग अलीगढ़-कानपुर नेशनल हाईवे (Aligarh-Kanpur National Highway) के चौड़ीकरण में रुकावट बन रही 100 साल पुरानी ईदगाह (Idgah) को हटाने के लिए राजी हो गए हैं.

पुरानी जगह से ईदगाह को हटा कर गांव में ही ग्रामसभा की जमीन पर बनाया जाएगा. इसी पहले भी इसी हाईवे निर्माण के लिए गांव पनैठी के लोगों ने इसी तरह से मस्जिद हटाए जाने पर सहमित दी थी.
अलीगढ़-कानपुर नेशनल हाईवे को सिक्सलेन बनाया जा रहा है
नेशनल हाईवे-91 के अंतर्गत अलीगढ़-कानपुर सेक्शन का चौड़ीकरण किया जा रहा है. इस हाईवे को फोरलेन और सिक्सलेन किया जा रहा है. इस हाईवे के काम के लिए जनपद में गांव बौनेर से गोपी तक करीब 15 गांवों की 53 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है. जिसकी बदले में अब तक लोगों को करीब डेढ़ अरब की मुआवजा राशि बांटी जा चुकी है.
हाईवे के चौड़ीकरण में आई थी ईदगाह
हाईवे के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित हो रही जमीन में अकराबाद के गांव नानऊ की करीब 100 साल पुरानी ईदगाह भी आई गई थी. एनएच और भूमि अध्यापित विभाग के अधिकारियों ने धार्मिक स्थल होने के चलते स्थानीय लोगों से संपर्क किया. इस पर गांव के पूर्व प्रधान नजीर और अजमेरी खां सहित 17 लोगों ने प्रशासन को गाटा संख्या-840 में स्थित ईदगाह को स्वयं ही स्थानान्तरण करने के लिए प्रार्थना पत्र सौंप दिया. जिसके बाद चौड़ीकरण के कार्य को आगे बढ़ाते हुए ईदगाह को शिफ्ट करने का कार्य प्रशासन द्वारा शुरू कर दिया गया है.
नई ईदगाह के लिए अभी तक नहीं मिली जमीन
नई ईदगाह बनाए जाने के लिए गांव वालों को अभी तक जमीन नहीं मिल सकी है. इसको लेकर गांव के लोगों ने कलेक्टर चंद्रभूषण सिंह को ईदगाह के लिए जमीन दिए जाने को लेकर पत्र दिया है. चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि अलीगढ़-कानपुर के चौड़ीकरण के लिए ग्राम नानऊ में ईदगाह शिफ्ट कराए जाने के संबंध में गांव के लोगों ने प्रार्थना पत्र दिया था. इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.


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