पुलिस की वर्दी पहनकर करता था अवैध वसूली, फर्जी पुलिसकर्मी गिरफ्तार
जानिए क्या है वजह
अलीगढ। पुलिस को सूचना मिली थी कि पुलिस की फर्जी वर्दी पहने खुद को सीबीआई का बताने वाले दो नटवरलाल दरोगा जीटी रोड स्थित जिला मलखान सिंह अस्पताल और भमोला पुल के आसपास घूम रहे हैं। जिसके बाद नगर पुलिस अधीक्षक कुलदीप गुनावत, क्षेत्राधिकारी नगर द्वितीय पुनीत द्विवेदी व क्षेत्राधिकारी नगर तृतीय अशोक कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में इन्हें दबोचने के लिए टीम का गठन किया गया। थाना बन्नादेवी पुलिस व थाना सिविल लाइन पुलिस टीम की संयुक्त टीम ने जिला मलखान सिंह अस्पताल और भमोला पुल के पास से दोनों फर्जी दरोगाओं को गिरफ्तार कर लिया। असली पुलिस को देखते ही इनके हाथ-पांव फूल गए। पुलिस इन्हें पकड़कर थाने ले आई, जहां इनसे पूछताछ हुई। गौरतलब है कि जनपद में पुलिस ऑपरेशन 420 के तहत जालसाजों के खिलाफ अभियान चलाए हुए है।
पकड़े गए आरोपितों में से एक की पहचान थाना सिविल लाइन क्षेत्र के भमोरा आलमबाग गली नंबर छह निवासी 37 वर्षीय मुकेश राजपूत पुत्र पूरन सिंह के रूप में और दूसरे की नई दिल्ली के करावल नगर क्षेत्र के शिव विहार निवासी 39 वर्षीय युवक हरीश कुमार पुत्र भूरेलाल के तौर पर हुई। पहले आरोपित मुकेश के पास से फर्जी पुलिस की वर्दी, टोकन, बैल्ट, स्टार, सीटी,डोरी, एक खिलौना पिस्टल प्लास्टिक होलिस्टर के अन्दर, एक हैंड सैट खिलौने वाला, नकली पुलिस आईकार्ड, एक डीएल और एक पल्सर मोटरसाइकिल बरामद हुई।
उसके खिलाफ बन्नादेवी थाने पर धारा 419, 420, 467, 468, 470, 471, 171 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। नटवरलाल दारोगा मुकेश ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पिछले करीब 20 दिन से वर्दी पहनकर पल्सर मोटरसाइकिल से अलग-अलग होटल व चाय की दुकान में जाकर खाना,चाय फ्री खाने-पीने, टेम्पो चालकों आदि को वर्दी का भय दिखाकर अवैध पैसा वसूलने का कार्य कर रहा था। जिसके लिए उसने नुमाइश के दौरान नुमाईश से खिलौना पिस्टल खरीदी थी। इसके अलावा पकड़े गए दूसरे आरोपित हरीश के पास से पुलिस को सीबीआई का फर्जी आईकार्ड मिला। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया गया कि उसने ये कार्ड फर्जी तरीके से अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से बनवाया था। जिसका प्रयोग छोटे-मोटे मामलों में अधिकारियों को फोन करके लोगों से रुपये वसूलने में करता था। इसके साथ ही फर्जी आई कार्ड का इस्तेमाल उसके द्वारा गाड़ी का टोल टैक्स बचाने के लिए किया जाता था। पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 419/420 के तहत सिविल लाइन थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया। दोनों फर्जी नटवरलाल दरोगाओं को न्यायालय के समक्ष पेश करते हुए पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।