नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दक्षिण भारत के तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, पुड्डुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एवं लक्षद्वीप के एनडीए सांसदों की बैठक को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों के गठबंधन पर तीखा निशाना साधा।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन को यूपीए प्लस कह कर संबोधित करते हुए कहा कि यह गठबंधन स्वाभाविक गठबंधन नहीं है, बल्कि यह मजबूरी और भ्रष्टाचार का गठबंधन है।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन के नाम पर कटाक्ष करते हुए आगे यह भी कहा कि अगर आप विपक्षी सांसदों से सवाल पूछेंगे तो एक भी सांसद आपको यह नहीं बता पायेगा कि आईएनडीआईए का मतलब क्या है।
उन्होंने दक्षिण भारत के सांसदों को लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा लोगों से जनसंपर्क करने की नसीहत भी दी। इससे पहले उन्होंने एनडीए सांसदों की कलस्टर-3 की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विचारधारा से जुड़ा मुद्दा होने के कारण सरकार ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाया और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया लेकिन इन मुद्दों पर जनता का वोट नहीं मिलेगा।
उन्होंने गरीब को सबसे बड़ी जाति बताते हुए एनडीए सांसदों को हिदायत दी कि वोट तो गरीबों के लिए काम करने से ही मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के काशी, गोरखपुर और अवध क्षेत्र के एनडीए सांसदों को केंद्र सरकार द्वारा किए गए जनहित के कामों का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करने की सलाह देते हुए कहा कि गरीब ही सबसे बड़ी जाति है, उनकी सरकार ने गरीबों की मदद के लिए काफी कुछ किया है। प्रधानमंत्री ने एनडीए सांसदों को वोट तो गरीबों के लिए काम करने से ही मिलने की हिदायत देते हुए उनसे सरकार की योजना से लाभ उठाने वाले एक-एक लाभार्थी से संपर्क करने को भी कहा।
प्रधानमंत्री ने अगले वर्ष होने वाले लोक सभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर सभी सांसदों को यह सलाह दी कि उन्हें अब अपने संसदीय इलाके में नए काम करवाने की बजाय सरकार द्वारा किए गए कामों के ज्यादा से ज्यादा प्रचार में जुट जाना चाहिए। इसके लिए प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया के लिए प्रोफेशनल टीम रखने की सलाह देते हुए सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र में कॉल सेंटर स्थापित करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि सभी सांसद कॉल सेंटर स्थापित कर अपने कार्यों का प्रचार करें और प्रोफेशनल सोशल मीडिया टीम रख कर विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार का जवाब देकर जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा पैमाने पर सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाएं ताकि विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को दूर किया जा सके। बताया जा रहा कि उन्होंने राज्यसभा सांसदों को भी चुनावी घमासान में उतरने का सुझाव दिया।
बताया जा रहा है कि उन्होंने बैठक में मौजूद सांसदों को दो टूक शब्दों में कहा कि चुनाव जीतने के लिए सिर्फ मोदी और राम मंदिर के भरोसे न रहे, बल्कि जनता के बीच जाकर अधिक से अधिक जनसंपर्क करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी सांसद टिकट मिलने को लेकर निश्चिंत न रहे, क्योंकि कामकाज,सक्रियता और सफलता यहां तक कि उम्र भी टिकट का पैमाना हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए सांसदों के साथ मुलाकात की अपनी मुहिम के अंतर्गत बुधवार को दो अलग-अलग समूहों में उत्तर प्रदेश के काशी, गोरखपुर एवं अवध क्षेत्र के अलावा दक्षिण भारत के तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, पुड्डुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एवं लक्षद्वीप के 96 एनडीए सांसदों के साथ बैठक की।
तय कार्यक्रम के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने पहले एनडीए सांसदों के कलस्टर 3 में शामिल उत्तर प्रदेश के काशी, गोरखपुर और अवध क्षेत्र के 48 सांसदों के साथ बैठक की। इसके बाद एनडीए सांसदों के कलस्टर 4 में शामिल तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, पुड्डुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एवं लक्षद्वीप के 48 सांसदों के साथ भी बैठक की।
इन दोनों बैठकों में अलग-अलग अमित शाह, राजनाथ सिंह,जेपी नड्डा, नितिन गडकरी, प्रह्लाद जोशी, वी. मुरलीधरन, महेंद्र नाथ पांडेय और अनुप्रिया पटेल भी मौजूद रहे। बैठक में सांसदों को मोदी सरकार के कामकाज की जानकारी भी दी गई।