गोरखपुर (आईएएनएस)| सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, राज्य सभा के पूर्व महासचिव एवं एम्स गोरखपुर की गवनिर्ंग बॉडी के अध्यक्ष देशदीपक वर्मा ने कहा कि बीमारू राज्य के दंश को समाप्त कर आज उत्तर प्रदेश विकास की नई उड़ान को तैयार है। पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत समूचे प्रदेश को आगे बढ़ाने की मुख्यमंत्री की ललक, उनकी विकासपरक सोच और नेतृत्व से आज देश, दुनिया के निवेशकों के बीच उत्तर प्रदेश में निवेश करने की होड़ मची हुई है। वर्मा सोमवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 को लेकर आयोजित 'उत्तर प्रदेश-नए भारत का ग्रोथ इंजन' विषयक संवाद को संबोधित कर रहे थे।
जीआईएस को लेकर छात्रों और युवाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित संवाद में वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पूर्व में हुए निवेश प्रयासों और आज हो रहे प्रयासों में काफी अंतर है। वर्तमान नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश को एक रचनात्मक गति दी है जिससे आगे बढ़ने की संभावना अधिक साकार हो रही है।
देशदीपक वर्मा ने कहा कि पहले निवेशक उत्तर प्रदेश में आने से डरते थे। सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कानून व्यवस्था सु²ढ़ हुई तो निवेशकों में सुरक्षा की भावना बढ़ी। आज पूरा देश यूपी के लॉ एंड ऑर्डर को नजीर मानता है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए पहली बार आईटी, डाटा सेंटर, डिफेंस, एरो स्पेस, वेयरहाउसिंग जैसे 25 सेक्टरों की पहचान कर सेक्टोरल पॉलिसी लाई गई।
वर्मा ने कहा कि पहचान को लेकर हीनभावना का समय बीत चुका है। हाल के सालों में उत्तर प्रदेश का ग्रोथ रेट 11 प्रतिशत है। यह पांच बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्यों में शुमार है। एक्सपोर्ट में 12.9 प्रतिशत योगदान दे रहा है। 2014 से 2020 में यूपी का ग्रोथ रेट, देश के ग्रोथ रेट से अधिक रहा है।
वर्मा ने कहा जिस आबादी को पहले बोझ समझा जाता था, उसे उत्तर प्रदेश ने संपत्ति और बड़े मार्केट का रूप दिया है। जनसंख्या घनत्व से दुखी होने की बजाय उत्तर प्रदेश इसका सदुपयोग कर रहा है।
वर्मा ने छात्रों का आह्वान किया कि वे कौशल विकास पर ध्यान दें, रोजगार की कोई कमी नहीं है। आने वाला समय इंडस्ट्री का है। ऐसे में जरूरत इस बात की है कि सिर्फ सरकारी नौकरी के पीछे भागने की बजाय युवा खुद में जोखिम लेने की क्षमता बढ़ाएं।
संवाद के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पवन अग्रवाल ने कहा कि एक समय जनसंख्या को समस्या माना जाता था लेकिन ट्रेड, साइंस, इंडस्ट्री के ग्रोथ से इससे जुड़ी तमाम समस्याओं का समाधान हो सकेगा। उन्होंने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए प्रदेश में पहले 10 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य था जो अब 17 लाख करोड़ हो गया है। उद्यमियों, निवेशकों में जिस तरह का उत्साह है उसे देखकर कहा जा सकता है कि प्रदेश में 25 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो अजय सिंह ने स्वागत संबोधन में कहा कि हमारे प्रदेश में असीम संभावनाएं हैं। इन्हीं संभावनाओं को सहेजते हुए उत्तर प्रदेश विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के तीव्र विकास में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट महत्वपूर्ण पड़ाव है और इसे लेकर गोरखपुर विश्वविद्यालय भी अपनी जिम्मेदारियों को निष्ठा व समर्पण से निभाएगा।