चुनाव नतीजों के बाद एक्शन में यूपी पुलिस, सपा कार्यकर्ताओं में मचा हड़कंप

Update: 2022-03-17 04:51 GMT

लखनऊ: विधानसभा चुनाव के दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बेटे और सपा गठबंधन से मऊ से प्रत्याशी अब्बास अंसारी का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें वह अपने कार्यकर्ताओं से कहते हुए दिखाई दे रहे थे कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने जा रही है. सरकार बनने के बाद 6 महीने तक अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं की जाएगी और उनसे हिसाब लिया जाएगा. अब्बास अंसारी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. इस पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने अब्बास अंसारी के प्रचार पर 24 घंटे के लिए रोक भी लगाई थी.

2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार तो नहीं बन पाई, लेकिन नतीजों के बाद पुलिस ने समाजवादी पार्टी के उन कार्यकर्ताओं का हिसाब किताब करना जरूर शुरू कर दिया है, जिन्होंने चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने की कोशिश की थी. सपा कार्यकर्ताओं ने कई जिलों में मतगणना से पहले ईवीएम बदलने को लेकर काफी हो हल्ला किया था. यही नहीं कई जनपदों में तो सपा कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों की गाड़ियां तक चेक कर की थी. आईए जानते हैं कि अब पुलिस ने कहां क्या कार्रवाई की ?
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की वापसी के साथ-साथ अफसरों के तेवर भी बदल गए हैं. हरदोई में मतगणना से पहले अपने अखिलेश यादव के निर्देश पर ईवीएम की सुरक्षा में जुटे समाजवादी पार्टी के 100 कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है. दो नेताओं को गिरफ्तार भी किया जा चुका है.
दरअसल नतीजों से पूर्व 9 मार्च को ईवीएम की सुरक्षा के नाम पर सपा के कार्यकर्ताओं ने मंडी स्थल पर बने स्ट्रांग रूम के अधिकारियों के वाहनों की तलाशी के साथ-साथ पानी की टंकी और शौचालयों की तलाशी ली थी. इसके बाद समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष समेत सौ कार्यकर्ताओं पर आचार संहिता उल्लंघन और सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज हुआ था.
सहारनपुर में मतगणना से पहले ईवीएम की निगरानी करने वाले सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप मे मुकदमा दर्ज किया गया. दरअसल सहारनपुर में विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद सेंट्रल वेयर हाउस में EVM मशीनों को रखा गया था. उसी दिन से सेंट्रल वेयर हाउस के सामने टेंट लगाकर सपा व बसपा के कार्यकर्ताओं ने EVM मशीनों की निगरानी शुरू कर दी थी. इसी दौरान चुनाव प्रेक्षक के साथ सेंट्रल वेयर हाउस पर निगरानी के लिए पहुंचे, तो निगरानी अधिकारी के साथ सपा कार्यकर्ताओं द्वारा बदसलूकी की गयी थी. इतना ही नहीं सपा कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी गाड़ी को रोकने का भी प्रयास किया गया. जिसका वीडियो वायरल हुआ था और वीडियो का संज्ञान लेते हुए सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में सहारनपुर के थाना जनकपुरी में तीन व्यक्तियों के खिलाफ नामजद और अन्य 10-11 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.
कौशांबी में पुलिस ने चार सौ से ज्यादा सपा कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की है. आरोप है कि कार्यकर्ताओं ने मतगणना के दिन काफी हंगामा किया था. सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस पर हमला, तोड़फोड़, सरकारी काम में बाधा और मंडी गेट तोड़ने का आरोप लगाया है. इस मामले में 400 अज्ञात सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा 141 ,147 ,148, 232, 253 , 427 , आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 /7 केस दर्ज हुआ है.
फतेहपुर में मंडी समिति स्थित मतगणना केंद्र पर 8 मार्च को सपा कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिसकर्मियों के साथ धक्का मुक्की की गई थी. इसके बाद एसओ हुसैनगंज रणजीत बहादुर सिंह की तहरीर पर तीन नामजद समेत 43 कार्यकर्ताओं पर सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था. सीओ सिटी दिनेश चंद्र मिश्र ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई जारी है.
कन्नौज में पुलिस ने सपा के 47 कार्यकर्ताओं पर कानूनी कार्रवाई की है. पुलिस ने यह कार्यवाही सरकारी गाड़ियों की चेकिंग करते हुए ईवीएम बदले जाने की झूठी अफवाह फैलाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले को लेकर की है. इस मामले में 17 नामजद और 25 से 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यहां अखिलेश यादव के आदेश के बाद ईवीएम की निगरानी के लिए नवीन मंडी समिति में बने मतगणना स्थल के बाहर सपाइयों का जमावड़ा लग गया था. इस बीच जो भी सरकारी गाड़ियां मतगणना स्थल पर पहुंचती थी, उन सरकारी गाड़ियों को रोककर सपाइयों द्वारा चेकिंग की जाने लगी.
फिरोजाबाद में चुनाव प्रक्रिया के दौरान कानून हाथ में लेने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में पुलिस ने 200 से ज्यादा लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है. जिनमें अधिकांश सपा के कार्यकर्ता हैं. दरअसल 10 मार्च को फिरोजाबाद जनपद की सभी 5 विधानसभा सीटों पर शिकोहाबाद कृषि मंडी में मतगणना हो रही थी.अचानक जसराना विधानसभा की सीट के परिणाम को लेकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के ऊपर पथराव कर कई गाड़ियों को तोड़ा था. जिसमे पुलिस ने 200 लोगों के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज हुए हैं.पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉक्टर अखिलेश नारायण सिंह का कहना है कि मुकदमा दर्ज हो चुके हैं वीडियो फुटेज के आधार पर बहुत जल्द ही उपद्रवियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी.
बांदा में 2022 विधानसभा चुनाव के नतीजे आते ही पुलिस भी सक्रिय हो गई. पुलिस ने मतगणना स्थल के बाहर मौजूद सपाइयों द्वारा हंगामा किए जाने के मामले में 4 दर्जन से ज्यादा सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. दरअसल मतगणना के दौरान बांदा मे इवीएम और प्रशासन की गाड़ियां को चेकिंग को लेकर हंगामा हुआ था. सपाइयों ने पुलिस पर ईंट पत्थर बरसाए थे. जिसमे कोतवाली प्रभारी और एक चौकी इंचार्ज को गंभीर चोटें आई थी और चौकी इंचार्ज का सिर फट गया था. इस दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठियां भी भांजी थी.
नतीजों से एक दिन पहले 9 मार्च को सपा कार्यकर्ताओं ने धौलाना उपजिलाधिकारी की गाड़ी की जबरन चेकिंग की थी. इस मामले में सपा के 6 नेताओं समेत 30 लोगों पर कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया है. दरअसल मतगणना से एक दिन पहले 9 मार्च की दोपहर धौलाना तहसील के उपजिलाधिकारी की सरकारी गाड़ी को सपा कार्यकर्ताओं द्वारा रोककर चेकिंग की गई थी.
बलिया में मतगणना स्थल पर सपा कार्यकर्ताओं ने सरकारी गाड़ी को रोककर हंगामा किया था और मतगणना को प्रभावित करने के लिए अफवाह फैलाने की कोशिश की थी. इस दौरान सपा कार्यकर्ताओ ने सरकारी कर्मचारी के साथ अभद्रता भी की थी. इस को लेकर जिला प्रशाशन ने सपा के 11 कार्यकर्ताओं समेत 40 से 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.


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