लखनऊ (आईएएनएस)| मुजफ्फरनगर के बाद प्रदेश में बरेली में एक और वाइनरी शुरू होने जा रही है। बरेली में जैविक खेत के एक मालिक ने अपनी 40 एकड़ भूमि पर इकाई स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार को प्रस्ताव दिया है। मुजफ्फरनगर में पहली वाइनरी के प्रस्ताव को सरकार ने 23 सितंबर को मंजूरी दी थी। बरेली में प्रस्तावित वाइनरी में होमस्टे का विकल्प भी होगा और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
इससे 15 करोड़ रुपये का निवेश होने और 25 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। यहां एक साल में 2 लाख लीटर शराब बनाने की अनुमति मांगी गई है।
बरेली के भांडसर में फार्म के मालिक अनिल कुमार साहनी ने कहा, हम अपने फार्म पर दो दर्जन से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने के अलावा 100 से अधिक व्यक्तियों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।
साहनी ने कहा, हम पहले से ही अपने फॉमूर्लेशन को अंतिम रूप दे चुके हैं और एक ऐसे प्रतिष्ठान के निर्माण की उम्मीद कर रहे हैं जहां लोग आ सकते हैं, शराब का स्वाद ले सकते हैं, भोजन कर सकते हैं और खेतों में रह सकते हैं। हम यूपी में ईकोटूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यूरोप से प्रेरणा ले रहे हैं।
आबकारी विभाग ने सरकार के समक्ष आवेदन को फास्ट ट्रैक करने की अनुशंसा पहले ही कर दी है।
आबकारी आयुक्त सेंथिल सी पांडियन ने कहा, हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय कर रहे हैं कि अगले साल 31 मार्च से पहले यहां शराब का उत्पादन शुरू हो जाए।
गौरतलब है कि सरकार ने इस साल यह नीति पेश की, ताकि उन किसानों की मदद की जा सके जो अपने द्वारा उत्पादित फलों और सब्जियों का उचित मूल्य पाने में असमर्थ हैं।