UP: जल शक्ति मंत्री ने राज्य में बाढ़ से किसानों की फसलें हुई बर्बाद को लेकर मुआवजा देने को किया ऐलान

उत्तर प्रदेश की विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन बुधवार को जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य में बाढ़ से किसानों की जो फसलें बर्बाद हुई हैं उसका सर्वेक्षण कराया जा रहा है और इसका मुआवजा दिया जाएगा.

Update: 2021-08-18 13:35 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-   उत्तर प्रदेश की विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) में मानसून सत्र के दूसरे दिन बुधवार को जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य में बाढ़ से किसानों की जो फसलें बर्बाद हुई हैं उसका सर्वेक्षण कराया जा रहा है और इसका मुआवजा दिया जाएगा.

विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दल नेता शाह आलम और उमाशंकर सिंह ने बुधवार को कार्य स्‍थगन प्रस्‍ताव लाकर सदन की कार्यवाही रोकने और कर बाढ़ के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की जिसके जवाब में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि " जिनकी फसल बाढ़ से बर्बाद हुई हैं, उसका सर्वेक्षण कराया जा रहा है और उन्हें मुआवजा दिया जाएगा."
25 लाख क्यूसेक पानी अचानक छोड़ दिया गया
महेंद्र सिंह ने कहा कि अतिवृष्टि के बाद मध्यप्रदेश और राजस्थान से 25 लाख क्यूसेक पानी अचानक उत्तर प्रदेश की चंबल नदी में छोड़ दिया गया लेकिन राज्य सरकार के बेहतर प्रबंधन के चलते न कोई बांध टूटा और न ही कोई घटना हुई. उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आज तक के इतिहास में बाढ़ बचाव के लिए इतना बेहतर प्रबंधन कभी नहीं किया गया.
जल शक्ति मंत्री ने दावा किया कि 2016 (समाजवादी पार्टी की सरकार) में राज्य में 15 लाख हेक्टेयर जमीन बाढ़ से प्रभावित हुई थी लेकिन इस वर्ष सिर्फ 12 हजार हेक्टेयर जमीन बाढ़ से प्रभावित है.
सपा-बसपा ने किया मुआवजे का ऐलान
उसके पहले बसपा के उमाशंकर सिंह ने कहा,'' बाढ़ से सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई और बहुत से मकान गिर गये. सरयू और गंगा नदी उफान पर हैं और जनहित के इस मामले पर चर्चा बहुत जरूरी है.'' बसपा सदस्यों की मांग पर बल देते हुए नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने जिन किसानों की फसल बबार्द हुई उनको मुआवजा देने की मांग की. चौधरी ने सपा सरकार में बाढ़ पीड़ितों को दिए गये राहत कार्यों की सराहना करते हुए भाजपा सरकार के राहत कार्यों को नाकाफी बताया.


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