पटना। यहां 23 जून को विपक्ष की एक बड़ी बैठक से पहले भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को दावा किया कि विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं के बीच एकता दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो) कह रही हैं कि अगर वाम दलों को आमंत्रित किया गया तो वह विपक्षी बैठक के लिए पटना नहीं आएंगी। इसलिए, विपक्षी खेमे में पार्टियों के बीच कलह है। यह (प्रधानमंत्री की) कुर्सी के लिए स्वार्थी लोगों का गठबंधन है, जिसकी केवल एक महत्वाकांक्षा (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी का विरोध करने की है।
प्रसाद ने कहा, उनके पास मोदी जी से व्यक्तिगत रूप से लड़ने की क्षमता नहीं है इसलिए, वे एक साथ आ रहे हैं, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि देश (एच.डी.) देवेगौड़ा, वी.पी. सिंह और (आई.के.) गुजराल शासन से काफी आगे निकल गया है। देश को एक स्थायी सरकार की जरूरत है, ऐसी सरकार की नहीं जहां गठबंधन सहयोगी आपस में लड़ रहे हों।
भाजपा नेता ने दावा किया, यहां पटना आने में कोई आपत्ति नहीं है, वे आएं, चाय पीएं, लिट्टी खाएं, लेकिन उनके साथ न तो बिहार के लोग जाएंगे और न ही भारत के। पटना में 23 जून को होने वाले विपक्ष के सम्मेलन में 17 विपक्षी दलों के नेता पहुंचने वाले हैं। इस सम्मेलन में देश की हर लोकसभा सीट पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने की रणनीति बनने की संभावना है।