नोएडा। यूनिटेक के नोएडा में बनाए जा रहे प्रोजेक्ट्स में घर बुक कराने वाले लोगों को वर्षों बीत जाने के बाद भी अपने आशियाने का इंतजार है. कंपनी के दिवालिया होने और सरकार के टेकओवर करने के बावजूद भी लोगों को अपने घर के पजेशन की कोई आस नजर नहीं आ रही है.
दरअसल, यूनीटेक ग्रुप नोएडा विकास प्राधिकरण का सबसे बड़ा बकायेदर बिल्डर है. यूनीटेक बिल्डर का अथॉरिटी पर 9 हजार 678 करोड़ रुपये बकाया है. 2006 से 2011 के बीच में यूनीटेक बिल्डर को 5 प्लॉट्स आवंटित किए गए थे. बिल्डर ने इसके लिए केवल न्यूनतम रकम ही अथॉरिटी में जमा कराई थी. इसके बाद बिल्डर ने अथॉरिटी में कोई भी किस्त जमा नहीं की है.
खाली पड़े प्लॉट पर कब्जे की तैयारी
ऐसे में नोएडा प्राधिकरण अब यूनिटेक बिल्डर के खाली पड़े प्लॉट को लेना चाहती है और इसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दाखिल किया है. नोएडा के सेक्टर 144 में ग्रुप हाउसिंग के 3-ए और 3-बी प्लॉट खाली पड़े हुए हैं, जिसमें कोई भी निर्माण कार्य अब तक यूनिटेक की तरफ से नहीं किया गया है. हालांकि इस मामले में नोएडा अथॉरिटी के ब्याज के खेल ने भी ग्राहकों के गृहप्रवेश के सपनो को पूरा होने से रोक रखा है.
दरअसल यूनिटेक को सेक्टर-96, 97 और 98 में 1622 करोड़ की जमीन का आवंटन हुआ था, जिसमें से बिल्डर ने 435 करोड़ जमा किए गए और बाकी रकम ब्याज पर ब्याज लगने से 6 हजार 458 करोड़ रुपये हो गई है. इसी तरह सेक्टर-113 में 249 करोड़ रुपये की जमीन पर बिल्डर के 151 करोड़ रुपये जमा करने के बावजूद ब्याज समेत अब 1103 करोड़ रुपये बकाया हो गया है.
यूनिटेक पर कुल 9678 करोड़ रुपये बकाया
इसी तरह सेक्टर-117 के बकाया को मिलाकर यूनिटेक पर कुल 9678 करोड़ रुपये बकाया हो गया है. ऐसे में यूनिटेक का कंट्रोल सरकार के पास चले जाने से इस रकम का भुगतान सबसे बड़ी समस्या बन गया है. वैसे तो सुप्रीम कोर्ट अथॉरिटी को साधारण ब्याज पर लेट पेमेंट वसूलने का निर्देश दे चुका है. लेकिन अथॉरिटी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पीटिशन दाखिल किया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही स्थिति साफ होने की उम्मीद है. फिलहाल तो यूनिटेक के मामले में 20 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी, जिसमें नोएडा अथॉरिटी की याचिका पर सुनवाई होगी. जिसमें अथॉरिटी ने यूनिटेक के 2 खाली पड़े प्लॉट्स पर कब्जा करने की गुजारिश की है.