अनोखी घटना: जब पिस्टल बन गई सिगरेट लाइटर और आरोपी को कोर्ट ने दी जमानत, जाने क्या है पूरा मामला
पुलिस ने किया जमानत का विरोध.
मुंबई की अदालत में एक अनोखी घटना हुई. अदालत ने एक व्यक्ति को तब जमानत दे दी जब एक पिस्टल बैलिस्टिक रिपोर्ट में बदलकर सिगरेट जलाने का लाइटर बन गई. मुंबई की सत्र अदालत ने बांद्रा वेस्ट के 30 वर्षीय फरहान असगर सईद को 30,000 रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी. सईद को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था.
जाने क्या है मामला
अदालत के आदेश में कहा गया है कि सईद के ऊपर इस पिस्टल से एक व्यक्ति पर गोली चलाने का आरोप है. पीड़ित ने सईद से 45 लाख रुपये उधार लिए थे जिसे वह समय से लौटा नहीं सका. उसने इस उधार के बदले जो चेक सईद को दिए थे, बैंक ने वो सारे चेक लौटा दिए. 28 नवंबर को वह अपने साले के साथ सईद से उधार चुकाने के लिए कुछ मोहलत मांगने गया था. इस दौरान दोनों के बीच गरमा-गरमी हो गयी. पीड़ित का आरोप है कि सईद ने उस पर दो गोलियां चलाईं लेकिन एक भी उसे लगी नहीं. एक गोली सोफा के कुशन में लगी और दूसरी गोली लगी नहीं. इसके बाद दोनों ने चाय पर बैठकर बात की और शेख ने भविष्य में पैसा लौटाने क भरोसा दिलाया. बाद में उसने सईद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और गोलियों के खोखे पुलिस को सौंप दिए.
दूसरी जमानत याचिका
सईद की ओर से अदालत में दाखिल ये दूसरी जमानत याचिका है. इससे पहले उसकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी थी. पहली याचिका जांच के शुरुआती चरण में होने के चलते खारिज की गई थी. सात पेज के आदेश में बताया गया है कि कैसे सईद के वकील अशोक सरावगी ने अदालत में दलील रखी कि अपराध की जगह का पंचनामा दिखाता है कि सईद ने किसी तरह की पिस्टल का उपयोग नहीं किया. उसके पास वैसी कोई पिस्टल है ही नहीं. बल्कि पुलिस ने जिस हथियार को जब्त किया है, वह पिस्टल की शक्ल में सिगरेट का लाइटर है.
पुलिस ने किया जमानत का विरोध
पुलिस ने अदालत में सईद को जमानत दिए जाने का विरोध किया. लेकिन अदालत ने मामले की जांच के बाद जमा कराई गई बैलिस्टिक रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं पाया जिससे गोली चलने की पुष्टि हो. ऐसे में अदालत ने सईद को सशर्त जमानत दे दी. सईद का कोई पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं पाया गया.