अनोखी शर्त: इस राज्य में सरकारी नौकरी के लिए तंबाकू-सिगरेट को कहना होगा गुडबाय, देना होगा शपथ पत्र

अगर आप सरकारी नौकरी पाने का प्रयास कर रहे हैं. खैनी और सिगरेट खाने के भी शौकीन हैं, तो आपका ये शौक सरकारी नौकरी के ख्वाब पर भाी पड़ सकता है.

Update: 2020-12-05 07:58 GMT

नई दिल्ली. झारखंड सरकार ने सरकारी नौकरी के लिए प्रतिभागियों के सामने एक रोचक और अनोखी शर्त रखी है. दरअसल, राज्य सरकार ने कहा है कि सरकारी नौकरी के इच्छुक सभी प्रतिभागियों को एक हलफनामा देना होगा जिसमें लिखा होगा कि प्रतिभागी टोबैको प्रोडक्ट्स का सेवन नहीं करते हैं या भविष्य में इसका सेवन नहीं करेंगे. अगले साल 1 अप्रैल से इस नये नियम को झारखंड में लागू कर दिया जाएगा. यह नियम उन्हीं प्रतिभागियों के लिए होगा, जो झारखंड सरकार के किसी विभाग में नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं.

तम्बाकू की ​दुकानों पर नहीं मिलेंगी खाने-पीने की चीजें
दरअसल, पिछले मंगलवार को रांची में हुई टोबैको कंट्रोल कमिटी के साथ बैठक में यह फैसला लिया गया कि टोबैको उत्पाद की बिक्री करने वाली दुकानों पर खाने की चीजें नहीं बेची जाएंगी. एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां पर चाय-बिस्किट तक की बिक्री नहीं होगी.
इस रिपोर्ट में झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के हवाले से कहा गया है कि ऐसे मामले को लेकर हर किसी में सहमति होनी चाहिए. इसे नये जेनरेशन को तम्बाकू के सेवन जैसी बुरी आदतों से बचाने में मदद मिलेगी.
नेशनल टोबैक कंट्रोल प्रोग्राम के राज्य नोडल अधिकारी एल आर पाठक का कहना है कि कमिटी ने फैसला किया है कि इस नियम को अप्रैल 2021 से लागू कर दिया जाएगा. झारखंड सरकार में नौकरी करने के इच्छुक हर व्यक्ति को यह हलफनामा देना होगा. उन्हें केवल आॅफिस में ही नहीं बल्कि आॅफिस के बाहर भी तम्बाकू से जुड़े उत्पाद का सेवन नहीं करेंगे.
भाजपा नेता शिव पूजन पाठक ने राज्य सरकार के इस पहल का स्वागत किया है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को शराब पर प्रतिबंध के बारे में भी सोचना चाहिए. राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त बनाना की दिशा में काम करना चाहिए. बता दें कि इसी साल अप्रैल में झारखंड सरकार ने सभी तरह के टोबैक की बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. इसमें सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, खैनी आदि जैसे तम्बाकू उत्पाद हैं.
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