नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों (Petrol Diesel Price) के बीच शनिवार को आम लोगों को बड़ी राहत मिली, जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में क्रमशः आठ रुपये एवं छह रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करने की घोषणा की. एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) में की गई इस कटौती से पेट्रोल 9.50 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो गया, जबकि डीजल की कीमत में प्रति लीटर सात रुपये तक की कमी आ गई. सरकार के इस ऐलान के बाद केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने सीएम से पेट्रोल पर लगने वाले वैट को कम करने की अपील की है.
उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने कहा, 'तेलंगाना सरकार ने नवंबर 2021 और मई 2022 के बीच सबसे ज्यादा वैट रेट के साथ लगभग 2000 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया है. इसलिए मैं तेलंगाना के सीएम से अपने फार्महाउस से बाहर आने और वैट को कम करके तेलंगाना के आम आदमी के लिए सहानुभूति दिखाने की अपील करता हूं.'
केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को अन्य ट्वीट में कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क को कम करना जारी रखा है. सरकार ने पिछले छह महीने में दूसरी बार केंद्रीय उत्पाद शुल्क को कम किया है. आज केंद्र सरकार ने पेट्रोल की कीमत में 9.5 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 7 रुपए प्रति लीटर की कमी की है. इससे केंद्र सरकार के राजस्व पर सालाना 1 लाख करोड़ रुपए का भार पड़ेगा.
बता दें कि सरकार ने इसके पहले चार नवंबर, 2021 को भी पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी. लेकिन मार्च, 2022 के दूसरे पखवाड़े से पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गई थी, जिसके लिए रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में हुई वृद्धि को जिम्मेदार बताया गया. बहरहाल उत्पाद शुल्क में ताजा कटौती होने के बाद पेट्रोल पर केंद्रीय कर घटकर 19.9 रुपये प्रति लीटर रह गया है जबकि डीजल के मामले में यह 15.8 रुपये प्रति लीटर है.
सरकारी तेल विपणन कंपनियां उत्पाद शुल्क में इस कटौती का लाभ सीधे ग्राहकों तक पहुंचाएंगी. हालांकि इस फैसले की वजह से उन्हें पेट्रोल पर 13.08 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 24.09 रुपये प्रति लीटर का नुकसान उठाना होगा. ऐसा कच्चे तेल की लागत बढ़ने के बावजूद होल्डिंग दरों के स्थिर रहने के कारण होगा. इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री ने भरोसा जताया कि राज्यों की सरकारें भी अपने स्तर पर पेट्रोल-डीजल पर लागू करों में कटौती करने की दिशा में आगे बढ़ेंगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के ऐसा करने से आम आदमी को राहत मिलेगी.