बिहार: शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर आंदोलन के मूड में शिक्षक संघ, सरकार भी अड़ी
पटना: बिहार में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर न शिक्षक संघ झुकने को तैयार है और न ही सरकार पीछे हटने के मूड में है। दूसरी ओर शिक्षक संघ ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान घेराव की घोषणा कर बड़े आंदोलन के संकेत दे दिए हैं।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने विधानमंडल घेराव की घोषणा की है। संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह एवं महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बताया कि इस प्रदर्शन में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ, बिहार नगर पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ एवं परिवर्तनकारी शिक्षक संघों के अतिरिक्त अन्य संगठनों के भी भाग लेने के लिए शिक्षक 11 जुलाई को 11 बजे पटना पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक राज्यकर्मी के दर्जा की घोषणा विधानमंडल के इसी सत्र में सरकार नहीं करेगी, तब तक विधानमंडल के सदस्यों के आवास पर उस क्षेत्र के शिक्षक डेरा डालेंगे और उन पर राज्यकर्मी का दर्जा देने पर जोर डालने की आवाज को सदन के अंदर उठाने के लिए नैतिक दबाव डालेंगे। इधर, सरकार शिक्षक संघ के आंदोलन को लेकर विशेष कुछ नहीं बोल रही है।
हालांकि, शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने दावा करते हुए इतना जरूर कहा है कि जो शिक्षक नियमावली बनी है, वह राज्य हित में है। उन्होंने कहा कि जो स्कूल में शिक्षक पढ़ा रहे हैं, उन्हे एक परीक्षा ही तो पास करनी है। उन्होंने यहां तक कहा कि शिक्षक नियमावली के जरिए बिहार शिक्षा के क्षेत्र में विश्वस्तरीय इमेज बनाने के लिए प्रयास कर रहा है।
शिक्षक संघों की मांग है कि नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए। यह महागठबंधन के घोषणा पत्र में भी कहा गया था। लेकिन, अब सरकार बीपीएससी से परीक्षा लेकर राज्यकर्मी का दर्जा देना चाहती है। बीपीएससी ने शिक्षक नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी निकाला है। उल्लेखनीय है कि शिक्षक संघ के नेताओं ने पिछले दिनों मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के कार्यालय पहुंचकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ लंबी बैठक की है।