केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने आज भारत की न्यू ड्रोन पॉलिसी का ऐलान कर किया दावा

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज भारत की न्यू ड्रोन पॉलिसी का एलान करते हुए दावा किया

Update: 2021-08-26 15:42 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-  Drone Rules 2021: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज भारत की न्यू ड्रोन पॉलिसी का एलान करते हुए दावा किया है इस पॉलिसी को इस तरह से निर्मित किया गया है ताकि ड्रोन टेक्नोलॉजी का पूरा लाभ देश को मिल सके. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ड्रोन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल आम जीवन के हर क्षेत्र में सम्भव है और इसीलिए ड्रोन देश में एक नई आर्थिक और रोज़गारपरक क्रांति लाने की क्षमता रखता है. इसकी इसी क्षमता का भरपूर और सुरक्षित इस्तेमाल करने के लिए नई ड्रोन पॉलिसी का निर्माण किया गया है जिसमें ख़ासतौर से लालफ़ीताशाही को पूरी तरह से ख़त्म कर दिया गया है.

25 की जगह अब भरने होंगे केवल 5 फ़ॉर्म
न्यू ड्रोन पॉलिसी में पहले के बहुत से नियम हटा दिए गए हैं. इस क्रम में कई सर्टिफिकेट की मांग अब ख़त्म कर दी है. पहले ड्रोन उड़ाने की इजाज़त लेने के लिए 25 प्रकार के फ़ार्म भरने पड़ते थे लेकिन अब इनकी जगह सिर्फ़ 5 फ़ॉर्म ही भरने होंगे.
72 की जगह अब देनी होंगी सिर्फ़ 4 प्रकार की फ़ीस
न्यू ड्रोन पॉलिसी में फ़ी स्ट्रकचर को भी सरल किया गया है. पहले 72 मदों में फ़ीस ली जाती थी. लेकिन अब सिर्फ़ 4 प्रकार की फ़ीस ही ली जाएगी.
2030 तक ड्रोन का विश्व ग्लोबल हब बनेगा भारत
न्यू ड्रोन पॉलिसी को लेकर केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया काफ़ी उत्साह में दिखे. उन्होंने दावा किया कि 2030 तक ड्रोन के मामले में भारत विश्व में एक ग्लोबल हब के रूप में स्थापित हो कर रहेगा. उन्होंने कहा कि ये काम ड्रोन रूल्स 2021 की घोषणा के साथ ही शुरू हो जाएगा.
डिजिटल स्काई प्लेटफ़ॉर्म
भविष्य में चलने वाले ड्रोन की बड़ी संख्या को सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से कंट्रोल करने के लिए मंत्रालय ने डिजिटल स्काई प्लेटफ़ार्म की स्थापना की है. ये प्लेटफ़ार्म निकट भविष्य में बन कर तैयार होगा. ये मानव रहित होगा, सेल्फ़ इंटरेक्टिव होगा. अगर कोई ड्रोन अपने पूर्व निर्धारित पाथ से भटकने की कोशिश करेगा तो डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म तुरंत उसे नियंत्रित कर देगा.
ड्रोन उड़ाने के लिए 3 ज़ोन बनाए गए हैं
रेड ज़ोन- में ड्रोन उड़ाने की इजाज़त नहीं होगी.
यलो ज़ोन- में 5 से 12 किलोमीटर तक ड्रोन उड़ाने की इजाज़त होगी.
यलो ज़ोन के दो हिस्से होंगे -
A) 5 से 8 किलोमीटर के दायरे में ATC की अनुमति से ड्रोन उड़ाए जा सकेंगे.
B) 8 से 12 किलोमीटर के दायरे में 200 फ़ीट की ऊँचाई तक कोई भी अपना ड्रोन उड़ा सकेगा
ग्रीन ज़ोन- में 400 फ़ीट ऊंचाई तक बिना किसी अनुमति के ड्रोन उड़ाया जा सकेगा.
फ़िलहाल इन ड्रोन का वजन अधिकतम 2 किलो तक हो सकता है जिसकी आने वाले समय में समीक्षा की जाएगी.
न्यू ड्रोन पॉलिसी की अन्य प्रमुख बातें
DGFT की परमिशन चाहिए होगी ड्रोन आयात के लिए 2. ट्रेनिंग के बाद DGCA 15 दिन में पायलट लाइसेंस जारी कर देगा
ड्रोन का UID नम्बर DGCA को देना होगा.
सेल्फ़ आइडेंटिफिकेशन के अंतर्गत ड्रोन का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है चाहे वो माइक्रो या नैनों ड्रोन ही क्यों न हों
ड्रोन मालिकों को अपना आधार कार्ड और पासपोर्ट डिटेल देना होगा
डिजिटल स्काई प्लेटफार्म का डाइरेक्ट एक्सेस सुरक्षा एजेंसियों को दिया जाएगा.
राज्यों को ये अधिकार होगा कि वो अपने राज्य में किसी भी स्थान को अपना नया रेड ज़ोन घोषित कर सकें. लेकिन ये केवल 48 घंटों के लिए होगा. इसके बाद रेड ज़ोन बनाए रखने के लिए उन्हें नया आदेश जारी करना होगा.


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