केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पेयजल, स्वच्छता और गुणवत्ता केंद्र का नाम बदलने की मंजूरी दी
नई दिल्ली (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कोलकाता के जोका में स्थित राष्ट्रीय पेयजल, स्वच्छता और गुणवत्ता केंद्र का नाम बदलकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय जल और स्वच्छता संस्थान (एसपीएम-निवास) करने के लिए मंजूरी दे दी है। जोका में स्थित राष्ट्रीय पेयजल, स्वच्छता और गुणवत्ता केंद्र का दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया था। यह संस्थान पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जोका स्थित डायमंड हार्बर रोड पर 8.72 एकड़ भूमि पर स्थापित है। यह संस्थान प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, पेयजल, स्वच्छता एवं साफ सफाई के क्षेत्र में क्षमता उन्नयन संबंधी उत्कृष्ठ संस्था है।
ऐसी क्षमताओं की परिकल्पना न केवल स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में लगे फ्रंट-लाइन कार्यबल के लिए की गई है, बल्कि ग्रामीण और शहरी दोनों स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के लिए भी की गई है।
तदनुसार, उपयुक्त बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है, जिसमें प्रशिक्षण बुनियादी ढांचा और अनुसंधान एवं विकास ब्लॉक और एक आवासीय परिसर शामिल है। संस्थान में प्रशिक्षण की सुविधा के लिए जल स्वच्छता और स्वच्छता प्रौद्योगिकियों के कार्य और लघु मॉडल भी स्थापित किए गए हैं।
जल शक्ति मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पश्चिम बंगला के सबसे योग्य सपूतों में से एक हैं। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति भी थे। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर संस्थान का नामकरण, संस्थान के कार्य लोकाचार में ईमानदारी, अखंडता और प्रतिबद्धता के अपने मूल्यों को अपनाकर उन्हें सम्मानित करने के लिए हितधारकों के पूरे समूह को प्रेरित करेगा।