यूनिचॉर्म कंपनी और प्योर इंडिया ट्रस्ट ने 'जागृति प्रोजेक्ट' के दूसरे चरण में 3 महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

Update: 2023-06-16 10:42 GMT

बुलंदशहर। यूनिचॉर्म कंपनी ने अपने सामाजिक दायित्व के अंतर्गत बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद क्षेत्र की तीन और ग्रामीण महिलाओं को प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में आत्मनिर्भर बनाया। अभी तक कुल बुलंदशहर जिले में 73 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है। कंपनी ने इस योजना की शुरुआत प्योर इंडिया ट्रस्ट (एनजीओ) के साथ मिलकर की है।

प्योर इंडिया ट्रस्ट के संस्थापक प्रशांत पाल ने बताया कि इस योजना के तहत क्षेत्र के 110 गांव की चयनित महिलाओं को उनका अपना व्यवसाय शुरू कराकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। कंपनी द्वारा चयनित सभी गांव की महिलाओं को उनके स्वास्थ्य संबंधी कार्यशाला आयोजित कर जागरूक किया जा रहा है। इस योजना में प्रत्येक महिला आर्थिक सहायता, व्यवसाय का प्रचार-प्रसार तथा आय बढ़ाने के लिए महिला उद्यमियों का मार्गदर्शन किया जा रहा है। महिला अपने घर से ही अपना व्यवसाय शुरू कर सकती है और महिला को दी गई आर्थिक मदद उन्हें वापस भी नहीं करनी है।

इसके अंतर्गत यूनिचॉर्म एवं प्योर इंडिया ट्रस्ट के अधिकारीयों ने मुहाना, बेनीपुर एवं मनसुख गढ़ी गांव में आकर 3 महिलाओं (पूजा, गुड्डन एवं सुमनता) के व्यवसाय का उद्धघाटन किया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले ग्रामीणों ने इस योजना की काफी तारिफ की और कंपनी का धन्यवाद किया। उद्घाटन कार्यक्रम मे युनिचार्म कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट इकेड़ा सान,आयको सुगा, सीएसआर हेड प्रीति नेगी मेनेजर अंकिता सुखवाल जी एवं सेल्स टीम से सिद्धांत जैन, दयाशंकर जी (बुलंदशहर) और प्योर इंडिया के संस्थापक प्रशांत पाल, पुष्पेन्द्र सिंह एवं शिवकुमार आदि ने आकर महिलाओं को अपने व्यवसाय को आगे बढाने के लिये प्रोत्साहित किया एवं पुरानी महिलाओं की भी दुकान का विजिट किया गया और महिला एवं घरवालों से भी मिले एवं बिक्री एवं बचत पर डिस्कस किया गया।

प्योर इंडिया ट्रस्ट के संस्थापक प्रशांत पाल ने बताया कि ट्रस्ट यह कार्यक्रम देश के 13 राज्यों में सफलतापूर्वक चला रहा है जिसमें 2000 से ज्यादा महिलाएं अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू कर चुकी हैं बुलंदशहर के सहकारी नगर एवं सिकंदराबाद क्षेत्र के 60 गांव में 60 महिलाओं को पिछले साल ही उनका व्यवसाय शुरू करवाया है जो अब तक 14 लाख से ज्यादा की बचत कमा चुकी है इसके साथ-साथ बहुत से जनकल्याण के कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

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