देश में बढ़ी दिसंबर महीने में बेरोजगारी दर, सीएमआईई की रिपोर्ट में किया गया ये दावा

कोरोना (Corona) काल में देश में सामने आए ताजा बेरोजगारी (Unemployment) के आंकड़ों ने एक बार फिर से विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है.

Update: 2022-01-04 19:02 GMT

कोरोना (Corona) काल में देश में सामने आए ताजा बेरोजगारी (Unemployment) के आंकड़ों ने एक बार फिर से विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (CMIE) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर महीने में बेरोजगारी दर बढ़कर पिछले 4 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. आंकड़ों के मुताबिक यह बेरोजगार दिसंबर महीने में 7.91 फीसदी की दर्ज की गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी यानी सीएमआईई के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक जहां नवंबर महीने में बेरोजगारी दर 7 प्रतिशत थी तो वहीं दिसंबर में बेरोजगारी दर बढ़कर चार महीने के उच्चस्तर 7.91 प्रतिशत पर पहुंच गई है.


सीएमआईई के मुताबिक बेरोजगारी का यह आंकड़ा अगस्त के बाद सर्वाधिक है. अगस्त महीने में बेरोजगारी दर 8.3 प्रतिशत थी. सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में शहरों में बेरोजगारी दर 9.30 प्रतिशत थी जबकि नवंबर, 2021 में 8.21 प्रतिशत थी. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.28 प्रतिशत रही जो कि नवंबर महीने में 6.44 फीसदी थी.

इन आंकड़ों के आने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है विपक्ष सरकार के दावों पर सवाल उठा रहा है. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार दावे जरूर करती है लेकिन हकीकत में देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है और यह आंकड़े सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं.

वहीं, सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हुए नेता लगातार यही कह रहे हैं कि देश में लगातार रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और इसी वजह से देश की जीडीपी भी पिछले साल की दूसरी तिमाही की तुलना में इस साल 8 फीसदी से ज्यादा रही है. हालांकि, सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हुए नेता यह जरूर मान रहे हैं कि कोरोना काल में देश के सामने कुछ समस्या जरूर आई है लेकिन अगर उन समस्याओं को विश्व स्तर पर सामने समस्याओं के मुकाबले रखते हैं तो विश्व स्तर से हमारी स्थिति काफी बेहतर है.

लेकिन चुनावी मौसम में सामने आए इन आंकड़ों से एक बार फिर से विपक्षी पार्टियों को सरकार पर निशाना साधने का मौका जरूर मिल गया है. वहीं सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हुए नेता लगातार कोरोना के माहौल में विश्व स्तर पर सामने आई चुनौतियों और समस्याओं का जिक्र कर भारत का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन की बात कर रहे हैं.

सत्तारूढ़ पार्टी के नेता यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि जब समूचा विश्व में कोरोना की मार के चलते उद्योग धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं ऐसे माहौल में भी भारत में जीडीपी लगातार बढ़ रही है. जो इस तरफ इशारा कर रही है की भारत दुनिया के बाकी मुल्कों की तुलना में कहीं बेहतर स्थिति में है.


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