वात्सल्य योजना के तहत विभाग ने शुरू किया जिलेभर में निराश्रित बच्चों का सर्वे
सीकर। सीकर उन नि:संतान दंपत्ति और बेसहारा बच्चों के लिए अच्छी खबर है जो बच्चा गोद लेकर परिवार का नाम रोशन करने की उम्मीद कर रहे हैं। महिला एवं बाल अधिकारिता विभाग ने अब वात्सल्य योजना के तहत राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निराश्रित बच्चों की पहचान कर उन्हें पालक माता-पिता तक पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है. जिले में 18 वर्ष तक के वंचित एवं निराश्रित बच्चों को चिन्हित किया जाएगा। इसके लिए निराश्रित बच्चों के साथ-साथ परित्यक्त माताएं, मानसिक रूप से बीमार, मनोरोग केंद्रों में उपचाराधीन या महिला सदन या नारी निकेतन में रहने वाले माता-पिता जो अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में असमर्थ हैं। इनके साथ ही बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले बच्चों या घरेलू हिंसा के शिकार बच्चों या जेल में विचाराधीन कैदियों या दोषी माता-पिता का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके बाद विभाग बच्चे को आवेदन करने वाले पालक को सौंप देगा। विभाग ने ऐसे सभी बच्चों के सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सीकर शिवसिंहपुरा जेल के बंदियों के भी राखी बांधने उनकी बहनें पहुंची। जेल अधीक्षक पृथ्वी सिंह कविया ने बताया कि जेल में रक्षा बंधन का त्यौहार मनाने पर बंदियों में भी सकारात्मकता का भाव आता है और वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ते हैं। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने कलेक्टर सौरभ स्वामी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में खरीफ सीजन फसलों की गिरदावरी व क्रॉप कटिंग शुरू करवाने की मांग रखी। कीट रोगों से खराब हुई फसलों का सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की। इस दौरान जिलाध्यक्ष दिनेश जाखड़, गिरधारीलाल रणवां, मनीराम भामू और करणसिंह नेहरा शामिल रहे।