नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जांच आयोग की टीम गठित की

बड़ी खबर

Update: 2023-06-04 13:33 GMT
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत एक जांच आयोग को अधिसूचित किया है जिसकी अध्यक्षता गौहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अजय लांबा करेंगे और हिमांशु शेखर दास, आईएएस (सेवानिवृत्त) और आलोक प्रभाकर, आईपीएस (सेवानिवृत्त) आयोग के सदस्य होंगे। ये आयोग मणिपुर में 03.05.2023 और उसके बाद हुई हिंसा की घटनाओं की जांच करेगा। आयोग मणिपुर में हुई हिंसा के कारणों और उसके प्रसार की जांच और क्या किसी जिम्मेदार प्राधिकारियों या व्यक्तियों की ओर से कोई संभावित चूक हुई है की जांच करेगा। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह ने 29 मई, 2023 से 01 जून, 2023 तक मणिपुर का दौरा किया था और स्थिति का जायजा लेने के बाद जांच आयोग के गठन की घोषणा की थी। आयोग जल्द से जल्द केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा, जो इसकी पहली बैठक की तारीख से छह महीने पूरे होने से पहले देनी होगी। आयोग का मुख्यालय इम्फाल में होगा।
भारत सरकार ने मणिपुर में हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय लांबा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। पूर्व आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर भी आयोग में हैं। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अधिसूचना में कहा, 3 मई 2023 को मणिपुर राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी और हिंसा के परिणामस्वरूप राज्य के कई निवासियों ने अपनी जान गंवा दी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। आगजनी के परिणामस्वरूप उनके घरों और संपत्तियों को जला दिया गया और उनमें से कई बेघर हो गए। अधिसूचना में आगे कहा गया, मणिपुर सरकार ने 29 मई, 2023 को न्यायिक जांच आयोग की स्थापना के लिए सिफारिश की, जो जांच आयोग अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के तहत 3 मई, 2023 को और उसके बाद की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारणों और संबंधित कारकों की जांच करे। मणिपुर सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार की राय है कि सार्वजनिक महत्व के एक निश्चित मामले अर्थात् मणिपुर में हिंसा की घटनाओं की जांच करने के उद्देश्य से जांच आयोग नियुक्त करना आवश्यक है। मंत्रालय ने तीन सदस्यीय आयोग में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अजय लांबा, 1982 बैच के आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर को नियुक्त किया है।
आयोग निम्नलिखित मामलों के संबंध में जांच करेगा-
1- विभिन्न समुदायों के सदस्यों को लक्षित करने वाली हिंसा और दंगों के कारण और प्रसार, जो 3 मई 2023 और उसके बाद मणिपुर राज्य में हुए थे।
2- हिंसा से संबंधित घटनाओं और सभी तथ्यों में समानता
3- क्या किसी जिम्मेदार प्राधिकारी/व्यक्ति की ओर से इस संबंध में कोई चूक या कर्तव्य में लापरवाही बरती गई थी।
4- हिंसा को रोकने और उससे निपटने के लिए किए गए प्रशासनिक उपायों की पर्याप्तता।
5- ऐसे मामलों पर विचार करना जो जांच के दौरान प्रासंगिक पाए जा सकते हैं।
Tags:    

Similar News