यूक्रेन ने इमरजेंसी घोषित की, भारत लौटने वाले विमानों का महंगा हुआ किराया

Update: 2022-02-24 02:58 GMT

पटना: यूक्रेन और रूस के बीच के ताजा तनाव ने वहां फंसे बिहारी छात्रों की परेशानी बढ़ा दी है। कई छात्र घर लौटना चाहते हैं लेकिन अब हवाई टिकटों का टोटा हो गया है। जिन्हें टिकट मिल भी रहा है उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। छात्र कई एजेंट से संपर्क में भी हैं। इधर, मीडिया में आ रही युद्ध की स्थिति के खबरों से परिजनों का तनाव हर क्षण बढ़ रहा है।

यूक्रेन के खारकिव मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे शुभम मिश्रा मनेर के रहने वाले हैं। शुभम ने मोबाइल पर परिजनों को बताया कि वे घर आना चाहते हैं। उनके साथ सीवान और आरा के भी छात्र हैं लेकिन टिकट मिलने में मुश्किल हो रही है। मनेर से शुभम के चाचा रितेश मिश्रा ने बताया कि वहां फंसे उनके भतीजे शुभम और उनके दोस्त दूतावास से मदद की आस में हैं।
इधर, चंपारण के के कई छात्र खारकिव मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे हैं उनमें प्रशांत भी शामिल हैं। प्रशांत अभी यूक्रेन में हैं। बेतिया के बानू छापर में उनके माता-पिता लगातार उनके संपर्क में हैं। प्रशांत ने बताया कि अभी उनके कुछ सहपाठी लौटना नहीं चाह रहे हैं।
बोधगया के करीब दो दर्जन से अधिक छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उनके अभिभावक टिकट बुकिंग की व्यवस्था में जुटे हैं। सरकार की घोषणा के बाद फ्लाइट में टिकट बुकिंग की होड़ शुरू हो गयी है। चार्टर्ड फ्लाइट का किराया 50 हजार रुपये तक पहुंच चुका है। पहले 30 से 35 हजार रुपये के बीच टिकट हो जाता था। कई छात्रों के साथ वीजा की भी समस्या है।
रेगुलर फ्लाइट की संख्या कम है और आने वालों की संख्या अधिक है। सरकार द्वारा चार्टर्ड फ्लाइट की जो घोषणा की गई है, उसमें आने वालों को खुद अपने टिकट का किराया देना पड़ रहा है। टिकट बुकिंग में छात्र जुटे हैं। बोधगया के ज्यादातर छात्र यूक्रेन के खारखिव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।
रेगुलर फ्लाइट यूक्रेन की राजधानी कीव से दुबई होते हुए दिल्ली आएगी तो वहीं सरकार की घोषणा के बाद चलाई जा रही चार्टर्ड फ्लाइट कीव से सीधे दिल्ली आएगी। उपाध्याय बिगहा निवासी यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे छात्र विनय पांडेय ने बताया कि 28 फरवरी को कीव से दिल्ली के लिए हमारी वापसी की फ्लाइट है। 45 फीसदी टिकट का रेट बढ़ गया है। वहीं शुभम कुमार व स्वाति प्रिया ने कहा कि चार्टर्ड फ्लाइट में हमारी टिकट बुक हो चुकी है।
सोनू बिगहा निवासी रामस्वरूप यादव ने बताया कि स्थिति यह है कि हमारे बच्चे के छह वर्ष के वीजा के लिए पूरी कागजात व उसका करीब आठ सौ डॉलर चार्ज संबंधित कार्यालय में जमा है। अभी आने के लिए टीएल वीजा का तीन सौ डॉलर अतिरिक्त जमा करना पड़ा है। राजापुर निवासी मनोज कुमार ने बताया कि ऐसे हालात में छात्रों को फ्लाइट के किराए में सब्सिडी मिलनी चाहिए थी। सरकार को फ्लाइटों की संख्या भी बढ़ानी चाहिए।
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