यूक्रेन संकट: पीएम मोदी ने बुलाई सीसीएस की बैठक, जानिए कौन होते हैं शामिल
नई दिल्ली: यूक्रेन के खिलाफ रूस के जारी हमलों के बीच सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आज बैठक जारी है. सूत्रों के मुताबिक, सीसीएस की बैठक में सुरक्षा तंत्र के शीर्ष अधिकारियों भी शामिल हैं. बता दें कि यूक्रेन में फंसे भारतीय को लाने के लिए एअर इंडिया की दूसरी फ्लाइट दिल्ली से बुखारेस्ट (रोमानिया) के लिए उड़ान भर चुकी है. सुबह वाली पहली फ्लाइट रोमानिया पहुंच चुकी है.
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हैं. इस बैठक में UNSC में भारत का कदम, युद्ध की ताजा स्थिति, अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम, दुनिया के नेताओं की प्रतिक्रिया पर चर्चा हो रही है.
इससे पहले यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात भी CCS की बैठक की अध्यक्षता की थी. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी बात की और हिंसा को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करते हुए जोर देकर कहा था कि भारत यूक्रेन से अपने नागरिकों के सुरक्षित निकास और वापसी को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है.
फिलहाल, यूक्रेन में युद्ध से प्रभावित इलाकों से भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने का प्रयास कर रहा है. इस बीच सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक प्रस्तावित है. बता दें कि कैबिनेट समिति की बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री शामिल होते हैं.
बता दें कि 25 फरवरी को भी पीएम मोदी ने यूक्रेन में फंसे करीब 16000 भारतीयों की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में नागरिकों को सुरक्षित निकालने और यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा हुई थी.
बैठक के बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया से बातचीत में कहा, प्रधानमंत्री ने सीसीएस बैठक में बताया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता छात्रों समेत भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और यूक्रेन से उन्हें निकालना है. उन्होंने कहा, मैं यूक्रेन के छात्रों और उनके परिवार के सदस्यों समेत सभी भारतीय नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम आपको सुरक्षित वापस लाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे. हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय नागरिक फंसे थे. इनमें से करीब 4000 लोग पिछले दिनों वापस लौट चुके हैं.