प्रकाश आंबेडकर के फैसले से उद्धव गुट को लगा बड़ा झटका

Update: 2024-03-24 11:21 GMT

मुंबई। लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, राजनीतिक हलचल वैसे ही बढ़ती जा रही है। वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने रविवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) से नाता तोड़ लिया। साथ ही, उन्होंने सीट-बंटवारे को लेकर गठबंधन को 26 मार्च तक का अल्टीमेटम जारी कर दिया। दरअसल, आगामी लोकसभा चुनाव के लिए वीबीए ने महाविकास अघाड़ी के तीन सहयोगियों- शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) के साथ हाथ मिलाने पर विचार किया था। मगर, सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया और बातचीत से अब तक कोई निर्णय नहीं निकल सका।

प्रकाश आंबेडकर ने कहा है कि वह अपने अगले कदम की जानकारी 26 मार्च को देंगे। उन्होंने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी के सहयोगियों के बीच आंतरिक कलह खत्म नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी 4 सीटों का प्रस्ताव नहीं दिया गया। कुछ दिन पहले ही आंबेडकर ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) के रवैये पर नाराजगी जताई थी। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में 7 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को समर्थन देने की बात भी कही थी। बता दें कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ओर से 48 लोकसभा सीटों में से 44 पर सहमति बन चुकी है। राज्य में शिवसेना (उद्धव गुट) के खाते में सबसे ज्यादा 19 सीटें गई हैं। कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद) को 9 सीटें मिली हैं।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने प्रकाश आंबेडकर के इस निर्णय को एकतरफा और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि आंबेडकर को इस बारे में फिर से विचार करना चाहिए। राउत ने कहा, 'एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है, जब उद्धव ठाकरे और प्रकाश आंबेडकर की ओर से गठबंधन का ऐलान किया गया था। यह गठबंधन अच्छे इरादों को लेकर हुआ।' राउत ने कहा कि अगर आंबेडकर को इस तरह की घोषणा करनी थी तो पहले उन्हें उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा करनी चाहिए थी। इसलिए मैं यह कह रहा हूं कि प्रकाश आंबेडकर को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए।
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