ज्ञानवापी मुकदमे की कमान सम्भालने पहुंचे कुंडा राजघराने के उदय प्रताप सिंह

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Update: 2023-07-06 16:42 GMT
वाराणसी। ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मुकदमे मुख्य वादिनी राखी सिंह के मुकदमे की पैरवी के लिए गुरूवार को कुंडा के बाहुबली विधायक राजा भैया के पिता व कुंडा राजघराने के उदय प्रताप सिंह वाराणसी पहुंचे। अब राखी सिंह की ओर से दाखिल मुकदमे की कमान वही सम्भालेंगे। उनके साथ विश्व वैदिक सनातन संघ के संस्थापक और मुकदमे की वादिनी राखी सिंह के पैरोकर जितेंद्र सिंह विसेन भी आए है। गुरूवार को नगर के एक होटल में ज्ञानवापी मसले पर चल रहे तमाम मतभेदों और मुकदमों के बारे में लोगों के सामने स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश हुई। उदय प्रताप सिंह ने कहाकि हिंदू हित में जो हो सकेगा वह करेंगे। पिछले दिनों राखी सिंह ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु के लिए पत्र लिखा था और मुकदमा वापस लेने की बात कही थी। इस पर उदय प्रताप सिंह ने जितेंद्र सिंह विसेन और राखी सिंह से मुलाकात की और मुकदमे में यथासम्भव सहयोग का भरोसा दिलाया। होटल में आयोजित पत्रकारवार्ता में जितेंद्र सिंह विसेन ने कहाकि ज्ञानवापी मसले पर जो उचित होगा वह करने को तैयार हैं। इस मामले के सभी पक्ष अपने-अपने विद्वान अधिवक्ताओं संग एक साथ मिलकर बैठें और एक उचित समाधान निकालें। उन्होंने कहाकि हम ऐसा बिल्कुल नही चाहते कि आदि विश्वेश्वर का मुकदमा कहीं से कमजोर हो।
सनातन की रक्षा और आदि विश्वेश्वर के मुकदमे में विद्वानों की जो एक राय होगी वह उसके लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहाकि मुकदमे की मुख्य वादिनी राखी सिंह हैं और मैं उनका पैरोकार। पवार आफ अटार्नी किसी को दी जा सकती है लेकिन इसका मतलब यह नही कि पक्षकार का दावा समाप्त हो गया। उन्होंने यह भी कहाकि हमारी ओर से जब ज्ञानवापी का मुकदमा दाखिल किया गया तब तक कोई पक्षकार सामने नही था। कोर्ट ने यदि कही फैसला दिया है तो वह राखी सिंह की अपील पर। मैने लाटभैरव का भी मुकदमा दाखिल किया है। लेकिन यदि सभी मुकदमों को लेकर आम सहमति बनती है तो वह उसमें सहयोग के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि बीते दिनों ज्ञानवापी मामले की वादिनी राखी सिंह ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्‍छा मृत्‍यु की मांग की थी। इसके बाद कुंडा राजघराने के उदय प्रताप सिंह से मुलाकात के बाद राखी सिंह ने अपना फैसला बदल दिया। राखी सिंह ने बताया था किउदय प्रताप सिंह ने खुद उनके आवास पर आकर आश्‍वस्‍त किया है कि अब वह ज्ञानवापी प्रकरण की कमान संभालेंगे। राखी के मुताबिक, ज्ञानवापी मुकदमे से जुड़ी उनकी सहयोगी महिलाओं और अधिवक्‍ता पिता-पुत्र के अलावा कुछ लोग उनके चाचा जितेंद्र सिंह विसेन और चाची किरन सिंह विसेन के खिलाफ दुष्‍प्रचार कर रहे थे। इसी दौरान कुंडा-प्रतापगढ़ के राजघराने से जुड़े उदय प्रताप सिंह उनके घर पहुंचे और ज्ञानवापी केस को अपने हाथ में लेने का फैसला लिया।
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