उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र के अमरावती में ISIS स्टाइल में हुई हत्या के बाद अब जांच एजेंसियां अलग-अलग एंगल से पड़ताल कर रही हैं। जांच के दौरान इन दोनों ही हत्याओं में एक कनेक्शन का खुलासा हुआ है। पता चला है कि आरोपियों के तार सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI)से जुड़े हैं। बता दें कि यह चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)के लिए एक राजनीतिक मोर्चा है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कन्हैयालाल का सर कलम करने की हुई घटना के बाद सातवें आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बाब्ला को गिरफ्तार किया है। कन्हैयालाल की हत्या कुछ दिनों पहले नूपुर शर्मा का समर्थन करने के आरोप में की गई थी। इस बात को भी एक सूबत के तौर पर देखा जा रहा है कि उदयपुर में हत्या की साजिश नूपुर शर्मा के खिलाफ पीएफआई द्वारा किये गये एक रैली के बाद रची गई थी। यह रैली 20 जून को निकाली गई थी।
यह भी पता चला है कि उदयपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी रियाज अत्तर ने साल 2019 में एसपीआई ज्वाइन किया था और वो इसका सक्रिय सदस्य था। पूछताछ में आरोपी बाब्ला ने भी पीएफआई-एसडीपीआई से अपने कनेक्शन की बात कही है।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, उदयुपर और अमरावती घटना के आरोपियों के विदेशी कनेक्शन थे या नहीं? इसका पता इनसे जब्त की गई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज की पड़ताल के बाद चल जाएगा। जल्द ही इन डिवाइसों की रिपोर्ट सामने आएगी। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे अमरावती हत्याकांड में भी पीएफआई-एसडीपीआई कनेक्शन सामने आ रहा है।
हालांकि, PFI-SDPI खुद को सोशल-पॉलिटिकल संगठन के तौर पर बताते हैं। इस संगठन में पूर्व-सिमी कैडर, एहले-हदीत और सलाफी विचारधारा से प्रभावित लोग हैं। बता दें कि पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैय्यबा एहले-हदीत का फॉलोअर है।