हिजाब मुद्दे पर RSS की मुस्लिम विंग में दो फाड़

Update: 2022-02-11 08:04 GMT

Karnataka Hijab Row RSS: कर्नाटक में शुरू हुआ हिजाब विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मुस्लिम विंग में भी अब दोराय बनने लगी है. हिजाब विवाद के बीच चर्चा में आई छात्रा का जब मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) से जुड़े एक नेता ने समर्थन किया तो विंग ने इस बयान से दूरी बना ली.

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने एक बयान जारी कर कहा कि कुछ कट्टर सोच वाले लोग देश का माहौल बिगाड़ने के लिए छात्रा का दुरुपयोग कर रहे हैं. मंच ने कहा कि वो इस तरह के कट्टरपंथ और धार्मिक उन्माद का समर्थन नहीं करता है और कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं के लिए ड्रेस कोड लागू किए जाने का समर्थन करता है.
मुस्लिम राष्ट्र मंच के संस्थापक और RSS के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने कहा कि हिजाब को लेकर चल रहा विवाद देश में सद्भाव और शांति भंग करने के लिए कुछ 'कट्टरपंथियों' के नापाक मंसूबों का क्रूर और घृणित चेहरा है.
उन्होंने हिजाब विवाद से चर्चा में आई मुस्कान खान (Muskan Khan) पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि वो हमेशा भारत और इस्लाम को बदनाम करती है और हमेशा जींस पहनती है. कुमार ने ये भी कहा कि कुछ लोग मुस्लिम बेटी मुस्कान खान का दुरुपयोग कर रहे हैं
इंद्रेश कुमार ने इस मामले की जांच कराने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जाए ताकि हिजाब पर विवाद पैदा करने वाले और देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों का पर्दाफाश हो सके.
दो दिन पहले मंच के प्रांत संचालक (अवध) अरुण सिंह ने मुस्कान खान का समर्थन करते हुए कहा था कि पर्दा भारतीय संस्कृति का हिस्सा है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उन्होंने कहा था कि वो हमारे समुदाय की बेटी और बहन है और इस संकट की घड़ी में हम उसके साथ हैं.
इसके बाद मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इस बयान से दूरी बना ली. मंच के राष्ट्रीय संयोजक और मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने एक बयान जारी कर कहा कि न तो मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और न ही इंद्रेश कुमार, इस तरह की किसी चीज का समर्थन करते हैं. बयान में ये भी कहा कि कुछ कट्टरपंथी माहौल और शांति बिगाड़ने के लिए लड़कियों का दुरुपयोग कर रहे हैं.
सईद ने कहा कि हिजाब और पर्दा का अपने धर्म और समाज में महत्व है लेकिन इसका स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान और बिजनेस सेक्टर से लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां का अपना ड्रेस कोड है, वहां हिजाब या पर्दा करना सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह नागरिकों को देश के नियम-कानून का पालन करना जरूरी है, उसी तरह स्टूडेंट्स को अपने संस्थान के नियमों का पालन करना जरूरी है. और जो ऐसा नहीं करते, वो इस्लाम और पैगंबर के प्रति ईमानदार नहीं हो सकते.
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