नाबालिग लड़की के दो बलात्कारियों को मौत तक की कड़ी सजा

Update: 2024-05-05 10:34 GMT
राजसमंद। राजसमंद एक नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर व धमकाकर ले जाने व उसके साथ बलात्कार करने के दो आरोपियों को पॉक्सो न्यायालय, राजसमंद की न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ ने आजीवन (शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए) कठोर कारावास तथा 25-25 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 10 दिसम्बर, 2020 को पीड़िता की मां ने कांकरोली थाने में घटना के बारे में रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया कि 9 दिसम्बर की शाम उसकी 11 वर्षीय नाबालिग पुत्री पड़ोस में वैवाहिक कार्यक्रम में गई थी, जो रात्रि करीब 9:45 बजे रोती हुई घर लौटी। पूछने पर उसने बताया कि वह भाभी व दीदी के साथ शादी के कार्यक्रम में गई थी, जहां से कार्यक्रम देखकर रात करीब 9:15 बजे अकेले घर पर आ रही थी। रास्ते में एक मकान के पास तारू व कैलाश मिले, जो उसे बहला-फुसलाकर खेतों की तरफ ले जाने लगे। उसने विरोध किया तो जबरदस्ती उसे उठाकर खेत में ले गए। वहां कैलाश खड़ा रहा और तारू ने उससे बलात्कार किया। पीड़िता बालिका ने बचाव में शोर मचाया तो कैलाश ने उसे जान से मारने की धमकी दी व तारू ने उसका मुंह दबा दिया। वह जैसे-तैसे उनके चंगुल से बचकर व डरती हुई घर आई। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान पूरा किया व पॉक्सो कोर्ट में दोनों आरोपियों के विरुद्ध आरोप-पत्र पेश किया।
24 गवाह, 33 दस्तावेज पेश
न्यायालय में राज्य सरकार व पीड़िता की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 24 गवाह तथा 33 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए। पीड़िता ने न्यायालय में पूरी घटना के बयान दर्ज करवाए। न्यायालय में डीएनए रिपोर्ट भी पेश की, जिसमें आरोपियों की डीएनए प्रोफाइल पीड़िता के कपड़ों से ली मिक्स डीएनए प्रोफाइल से मिलती हुई पाई गई। न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी तारू पुत्र चोखाजी निवासी खाखरमाला तथा कैलाश पुत्र मोहन निवासी खाखरमाला को दोषसिद्ध घोषित किया।
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