नई दिल्ली: भारत की कृषि आधारित अर्थव्यस्था की जीवनरेखा माना जाने वाला दक्षिण पश्चिमी मानसून समय से पांच दिन पहले, 27 मई तक केरल में वर्षा की पहली फुहार ला सकता है। केरल में मानसून का आगमन आमतौर पर एक जून को होता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, "इस साल केरल में दक्षिण पूर्वी मानसून का आगमन समय से पहले हो सकता है। केरल में मानसून 27 मई को दस्तक दे सकता है, और इस तारीख में चार दिन आगे पीछे होने का अनुमान है।"
वर्ष 2009 में दक्षिण पश्चिमी मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार केरल में मानसून के समय पूर्व आगमन के पीछे चक्रवात असानी के प्रभाव है। दक्षिण पश्चिमी मानसून के समय से पहले आगमन की घोषणा ऐसे समय की गई है जब उत्तर पश्चिमी भारत के क्षेत्र अत्यधिक तापमान का सामना कर रहे हैं। मौसम विभाग ने कहा कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सात दिन पहले 15 मई तक मानसून के आगमन का अनुमान है।
मेघालय में शुक्रवार को भारी बारिश होने से कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसके साथ ही राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार रात से शुरू हुई बारिश के कारण राज्य के विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन होने से यातायात बाधित हुआ है। उन्होंने कहा कि मलबा हटाने का काम जारी है। मौसम विभाग ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न मौसम परिस्थिति के चलते बारिश अगले 24 घंटे तक जारी रह सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी के अधिकतर इलाकों में शुक्रवार को लू चलती रही और नजफगढ़ में तापमान 46.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को अधिकतर स्थानों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया। वहीं रविवार को येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार सफदरजंग वेधशाला में शनिवार को तापमान 44 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है, वहीं कुछ स्थानों पर तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। अगले सप्ताह आसमान में बादल छाए का अनुमान है।