भोपाल (आईएएनएस)| भारत में चीतों की वंश वृद्धि के लिए चल रही कोशिशों को गुरुवार को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि दो और शावक की मौत हो गई है। अब तक कुल छह चीतों की मौत हुई है कूनो नेशनल पार्क में।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से लाए गए चीतों के पहले दल को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। उसके बाद दूसरे दल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में छोड़ा गया था। यहां चीतों की कुल संख्या 20 थी, वहीं ज्वाला नामक माता चीता ने चार शावकों को जन्म दिया था और संख्या बढ़कर 24 हो गई थी।
एक तरफ जहां चीतों की वंश वृद्धि की उम्मीद जागी थी वहीं दूसरी ओर मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी में बताया गया है कि 23 मई की सुबह ज्वाला के शावक की मौत हुई थी, उसके बाद जीवित बचे तीन शावक और ज्वाला की पालपुर में चिकित्सकों और निगरानी टीम द्वारा लगातार नजर रखी जा रही थी। तापमान 46 से 40 डिग्री के आसपास था ऐसे में तीनों शावकों की असामान्य स्थिति और गर्मी को देखते हुए टीम ने तत्काल उन्हें रेस्क्यू कर इलाज देने का निर्णय लिया था। इनमें से दो शावकों की गुरुवार के मौत हो गई, एक शावक गंभीर हालत में है जिसका पालपुर कुनो अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बताया गया है कि इन शावकों ने आठ 10 दिन पहले ही अपनी मां के साथ घूमना फिरना शुरू किया था। ज्वाला के जिंदा बचे एक शावक की स्थिति थी अभी गंभीर है उसका उपचार चल रहा है। दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया के चीता विशेषज्ञ और चिकित्सकों से लगातार सलाह ली जा रही है वहीं यह शावक गहन उपचार में है और उसकी स्थिति स्थिर बनी हुई है।
वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक के मुताबिक सभी शावकों की स्थिति कमजोर और सामान्य से कम वजन एवं अत्यधिक डिहाइड्रेटेड पाए गए, शावकों की मां ज्वाला हैंड रियार्ड चीता है जो पहली बार मां बनी है, चीता शावकों की उम्र लगभग 8 हफ्ता है।