राजस्थान। बनास नदी गहलोद मार्ग पर हाई ब्रिज निर्माण हो जाने से अगले साल दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों को आवागमन की सुविधा मिल सकेगी। बनास नदी में पानी की आवक होने, बीसलपुर बांध के गेट खोले जाने के बाद करिबन दो से तीन महीने तक टोंक का दर्जनों गांवों से सीधा संपर्क टूट जाता है। हाई लेवल ब्रिज का काम पूरा होने के बाद बनास नदी में आने वाले बीसलपुर बांध के गेट खुलने के बाद व बरसात के समय रपट बह (क्षतिग्रस्त) जाने के कारण होने वाली आवागमन की समस्या से निजात मिल सकेगी। टोंक. सबकुछ ठीकठाक चलता रहा तो बनास नदी गहलोद मार्ग पर हाई लेवल ब्रिज निर्माण हो जाने से अगले साल दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों को आवागमन की सुविधा मिल सकेगी। खासकर बरसात में बनास नदी में पानी की आवक होने एवं रपटा टूटने से आवागमन में होने वाली परेशानियों से वाहन चालकों सहित राहगीरों को भी छूटकारा मिल सकेगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की अभिशंसा पर केन्द्र सरकार ने बनास नदी के टोंक-गहलोद मार्र्ग पर पुल निर्माण के लिए अगस्त 2021 में 134.74 करोड़ की प्रशानिक एवं वित्तिय राशि स्वीकृत की थी। सार्वजनिक निर्माण विभाग टोंक के अधिशाषी अभियंता दीन मोहम्मद ने बताया कि बनास नदी गहलोद हाई लेवल ब्रिज निर्माण के लिए 134.74 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी। इस ब्रिज का निर्माण कार्य 8 नवम्बर 2021 को शुरू हुआ था जिसका निर्माण कार्य मई 2024 तक पूरा करना है। ब्रिज निर्माण के लिए 107.30 करोड़ के कार्योदेश जारी किए है। बनास नदी गहलोद हाई ब्रिज निर्माण की कुल लम्बाई 3.335 किमी है। जिसमें ब्रिज की लंबाई 2 किमी तथा , प्रोचेज की लंबाई 1.335 किमी होगी। उन्होंने बताया कि बनास नदी गहलोद के निर्माणाधीन हाई ब्रिज की पाईल कास्टिंग का काम चल रहा है।
अब तक कुल 375 पाईल्स में से 369 पाईल्स की कास्टिंग का कार्य पूरा हो चुका है। हाई ब्रिज में कुल 45 पाईल केप में से अब तक 42 पाईल केप की कास्टिंग की जा चुकी है। इतना ही नही 6 ओपन फाउंडेशन में से सभी 6 ओपन फाउंडेशन की फूटिंग कास्ट की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि ब्रिज के कुल 49 पीयरस में से 47 पीयरस कास्ट किए जा चुके है। वही 49 पीयर केप में से अब तक 45 पीयर केप कास्ट हो चुकी है। बनास नदी गहलोद पर निर्माणधीन हाई ब्रिज की कुल 250 गार्डर में से अब तक 90 गार्डर कास्ट की जा चुकी है। जिनमें से 15 गार्डर पीयर केप के ऊपर रख दिए गए है तथा छतों की कास्टिंग का काम प्रगतिरत है। उक्त वास्तविक कार्य पूर्ण होने के बाद 10 साल तक पुल का रख-रखाव व देखरेख निर्माण करने वाली कम्पनी को करना होगा। अधिशाषी अभियंता ने बताया कि गहलोद हाई लेवल ब्रिज का निर्माण कार्य मई 2024 तक पूरा किया जाना है। इस हाई ब्रिज के बनने से टोंक जिला मुख्यालय से धोली, कंडीला, कलमण्डा, नानेर, जंवाली, मालपुरा, डिग्गी, पीपलू सहित दर्जनों गांवों का सीधा संपर्क हो जाएगा। वही टोंक आने के लिए 25 किमी की सोहेला होकर अतिरिक्त दूरी तय नही करनी पड़ेगी। बनास नदी में पानी की आवक होने, बीसलपुर बांध के गेट खोले जाने के बाद करिबन दो से तीन महीने तक टोंक का दर्जनों गांवों से सीधा संपर्क टूट जाता है। हाई लेवल ब्रिज का काम पूरा होने के बाद बनास नदी में आने वाले बीसलपुर बांध के गेट खुलने के बाद व बरसात के समय रपट बह (क्षतिग्रस्त) जाने के कारण होने वाली आवागमन की समस्या से निजात मिल सकेगी । इतना ही नही ईसरदा बांध के निर्माण हो जाने के बाद बनास नदी गहलोद रपट पर 8 फीट पानी रहने की संभावना है इस कारण आवागमन की परेशानी हो जाएगी, लेकिन इस हाई लेवल ब्रिज के बन जाने से यह समस्या हल हो जाएगी।