भोपाल। शहर में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। नौतपा में अधिकतम तापमान 45 डिग्री के आसपास बना हुआ है। मंगलवार को भी तापमान 45.1 डिग्री दर्ज किया गया। इस बीच, 2 लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं। दोनों ही मौतों में लक्षण हीट स्ट्रोक के हैं। पहला मामला भोपाल नगर निगम में ठेकेदार अजय प्रधान (36) की मौत का है। वे सोमवार दोपहर 3 बजे वाहन में बैठे थे, तभी अचानक बेहोश हो गए। उनके मुंह से झाग आने लगा। अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दूसरे मामले में 57 वर्षीय धीरेंद्र कुमार सोमवार दोपहर लालघाटी से अपने घर अशोका गार्डन जा रहे थे। तभी बेहोश होकर गिर पड़े। उनके मुंह से भी झाग आने लगा। अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दोनों शवों का मंगलवार को पोस्टमॉर्टम कराया गया। मौत के सही कारण पीएम रिपोर्ट आने पर पता चलेंगे। इधर, एम्स मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक सिंघई का कहना है कि जनरली हीट स्ट्रोक के लक्षणों में मतली आना, या घबराहट होना शामिल रहता है। सीवियर कंडीशन में झटके के साथ मुंह से झाग आता है।
अजय प्रधान सोमवार दोपहर 3 बजे नगर निगम की गाड़ी में बैठे थे। घटना के कुछ मिनट पहले उन्होंने अपनी पत्नी को कॉल किया और बताया- खाना खाने जा रहा हूं। इसके कुछ देर बाद वे बेहोश हो गए। मुंह से झाग आने लगा तो साथ काम करने वाले लोग उन्हें बैरागढ़ के सिविल अस्पताल ले गए। वहां से उन्हें चिरायु अस्पताल रैफर कर दिया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वे द्वारका नगर में रहते थे। उनके दो बच्चे एक 6 साल की बेटी और 3 साल का बेटा है। पुलिस का कहना है कि अभी कुछ कह पाना मुश्किल है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा। इसी तरह, सोमवार को ही दोपहर में अशोका गार्डन निवासी धीरेंद्र कुमार (57) लालघाटी से अपने घर लौट रहे थे। तभी बजरिया स्टेशन सड़क के पास फुटपाथ पर बैठ गए। कुछ ही देर में वे बेहोश हो गए। वहां मौजूद ऑटो चालकों ने तुरंत ही पुलिस को फोन किया। पुलिसकर्मी पहुंचे तो उन्होंने अस्पताल पहुंचाया। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
बजरिया थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही हम तुरंत मौके पर पहुंचे। उनके मुंह से झाग आ रहा था। उनकी मौत के कारण पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा। वे कृषि यांत्रिकी विभाग में कार्यरत थे। भोपाल एम्स मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक सिंघई का कहना है कि 36 वर्षीय युवक के मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें झटका आया है। यह हीट स्ट्रोक की सीवियर कंडीशन होती है। जब बॉडी बहुत ज्यादा डिहाइड्रेड हो जाती है, तब ऐसी सिचुएशन बनती है। वहीं, दूसरे मामले में हीट स्ट्रोक के अलावा कोई अन्य कारण भी हो सकते हैं। क्योंकि, उनकी उम्र अधिक थी। हीट स्ट्रोक में आम तौर पर मतली आना, या घबराहट होना शामिल होता है। सीवियर कंडीशन में झटके साथ मुंह से झाग आता है।
तापमान में बढ़ोतरी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। हीट स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है। यह स्थिति धीरे-धीरे हो सकती है या एकाएक भी आ सकती है। जटिल अवस्था होने पर किडनी काम करना बंद कर सकती है। लू लगने पर अगर तुरंत उपचार न किया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। साथ ही, जिला अस्पताल से लेकर उपस्वास्थ्य केंद्र तक की संस्थाओं को लू के प्रकरणों के उपचार के लिए अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओआरएस कॉर्नर बनाए गए हैं।