अगतरला। त्रिपुरा में बनमालीपुर विधानसभा क्षेत्र में कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अनुसूचित जाति मोर्चा के मंडल अध्यक्ष सुमन दास पर घातक हमला करने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दास (35) की ओर से दिए गए बयान के आधार पर कहा कि इस हमले का राजनीति से कोई संबंध है, बल्कि व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अंतू विश्वास और दीप्तानू विश्वास के रूप में हुई है। दोनों भाई है और पीड़ित के पड़ोसी है। पुलिस के मुताबिक सुमन पर आश्रम चौमुहानी तता अरालिया शहर के बीच होरा नदी के तट पर धारदार हथियार से हमला हुआ था। हमले के समय पीड़ित सुबह के समय टहलकर घर लौट रहा था। पीड़ित के मुताबिक दोनों आरोपियों ने अचानक उस पर हमला कर दिया और उसके चेहरे पर दो बार हमला किया। सुमन की आंखों, नाक तथा ललाट पर गंभीर चोटें आई हैं। सुमन को गंभीर रूप से घायल कर आरोपी मौके से फरार हो गए। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद आश्रम चौमुहानी से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और घायलों को अगरतला के सरकारी अस्पताल में भेजा।
बाद में पीड़ित के परिजनों ने तीन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को नेटिस भेजा। पुलिस ने बताया कि सुमन और आरोपियों में किसी ने भी अपनी दुश्मनी का खुलासा किया है। घटना की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता अस्पताल पहुंचे और कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पर इस हमले का आरोप लगाया। राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, श्री रतन चक्रवर्ती तथा अन्य नेताओं ने विपक्षी पार्टियों पर राजनीतिक लाभ उठाने के लिए तनाव का माहौल बनाने आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस तथा माकपा राज्य में कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाते हैं, लेकिन इसके लिए वे खुद जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, "लोगों की हत्याओं के लिए बदनाम कांग्रेस के समूह में अब वामपंथी भी जुड़ गए है। जिन लोगों ने गत वर्षों ने मृत शरीरों और हिंसा के मुद्दे पर राजनीति की है, उनसे क्या उम्मीद कर सकती है।" इस बीच कांग्रेस विधायक सुदीप रायबर्मन ने मुख्यमंत्री निशाना साधा और कहा, "पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जो भाजपा से जुड़े हुए हैं। भाजपा नेताओं ने पीड़ितों को निर्दोष कांग्रेस समर्थकों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराने के लिए दबाव बनाया। भाजपा कार्यकर्ता खुद ही अपने दफ्तरों में तोड़फोड़ रहे रहे हैं और हमारे खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करा रहे हैं। इसके बार में हमने चुनाव आयोग से शिकायत की है।