Twitter: नियुक्त करेगी शिकायत निवारण अधिकारी, दिल्‍ली हाई कोर्ट को जानकारी दी

दुनियाभर में अपने पक्षपाती और मनमाने रवैये को लेकर आलोचना झेल रही

Update: 2021-07-03 18:10 GMT

नई दिल्ली, दुनियाभर में अपने पक्षपाती और मनमाने रवैये को लेकर आलोचना झेल रही माइक्रोब्लोगिंग वेबसाइट ट्विटर ने भारत के कानून के सामने घुटने टेक दिए हैं। ट्विटर ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा है कि कंपनी भारतीय कानूनों का पालन करते हुए शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त कर रही है। हाई कोर्ट की तरफ से जारी नोटिस के जवाब में शपथपत्र दायर कर ट्विटर ने बताया कि शिकायत निवारण अधिकारी के तौर पर किसी भारतीय नागरिक की स्थायी नियुक्त करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके अलावा एक अंतरिम अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है।

हाई कोर्ट में डाली गई थी याचिका
गौरतलब है कि नए आइटी नियमों को नहीं मानने के चलते ट्विटर के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। ट्विटर ने जवाब में कहा कि आइटी नियमों के मुतााबिक सिर्फ पीडि़त ही शिकायत दायर कर सकता है, लेकिन मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता पीडि़त नहीं है। इसलिए वह ट्विटर के खिलाफ दावा नहीं कर सकता।
अनुपालन में कर रही थी आनाकानी
नए आइटी नियमों की अधिसूचना 25 फरवरी को जारी हुई थी और ट्विटर सहित अन्य इंटरनेट मीडिया कंपनियों को नए नियम 25 मई तक लागू करने थे, लेकिन ट्विटर इसमें लगातार आनाकानी कर रही थी।
खुद को कानूनों से ऊपर समझा
कभी भाजपा प्रवक्ता और नेताओं के ट्वीट को मैनिपुलेटेड मीडिया बताकर, तो कभी देश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के अकाउंट को ब्लाक कर ट्विटर लगातार विवादों का केंद्र बनी है। कंपनी लगातार अलग-अलग तरीकों से खुद को भारतीय कानूनों से ऊपर साबित करने में लगी हुई थी।
देश की अखंडता पर हमला पड़ा भारी
हाल ही में ट्विटर ने देश की अखंडता पर हमला करते हुए भारत के मानचित्र को गलत तरीके से दिखाया था। इससे ठीक पहले उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में लोनी कस्बे में मुस्लिम समुदाय के कुछ युवकों ने एक बुजुर्ग की पिटाई कर दी थी और दाढ़ी काट दी थी। इस घटना के वीडियो को ट्विटर के जरिये तमाम वामपंथी व अराजकतावादी लोगों ने सांप्रदायिक रंग देते हुए देशभर में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने व दंगे भड़काने की कोशिश की थी। लेकिन, ट्विटर की तरफ से इस कृत्य में संलिप्त लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अब तेवर पड़े ढीले
इससे पहले भी ट्विटर की तरफ से भारत व भारतीयों के खिलाफ घृणा से भरी अनुचित सामग्री प्रसारित करने वाले लोगों पर ट्विटर ने कोई कार्रवाई नहीं कर खुद को एक मध्यस्थ प्लेटफार्म के बजाय पक्षकार साबित किया है। इन सब विवादों के बीच ट्विटर पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है। बहरहाल, कई मामलों में केस दर्ज होने और मध्यस्थ का दर्जा छीने जाने के बाद ट्विटर के तेवर ढीले पड़ गए हैं।
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