ट्विन टावर होगा ध्वस्त: धमाके से पहले शांति, मूवमेंट बंद, जानिए तमाम सवालों के जवाब
अलर्ट पर अस्पताल।
नई दिल्ली: आज दोपहर नोएडा के सेक्टर 93-A स्थित ट्विन टावर को ध्वस्त (Twin Towers Demolition) कर दिया जाएगा. देश में पहली बार इतनी ऊंची ब्लिडिंग को जमींदोज किया जाएगा. नियमों को ताक पर रखकर इस गगनचुंबी इमारत का निर्माण किया गया था. बड़ी संख्या में लोग ट्विन टावर को गिरते हुए देखना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने एक तरीका खोज निकाला है. ट्विन टावर को गिरते हुए देखने के लिए लोगों ने इसके आसपास की ऊंची इमारतों की की बालकनी को बुक कर लिया है. आज ट्विन टावर के आसपास की इमारतों की बालकनियां VIP बालकनी में तब्दील हो गई हैं.
ट्विन टावर के आसपास की इमारतों में रहने वाले लोगों के घरों की बालकनी को उनके दोस्तों और रिश्तेदारों ने बुक कर लिया है. वो करीब से आज दोपहर ट्विन टावर को जमींदोज होते हुए देखना चाहते हैं. गुरुग्राम और आसपास के शहरों से भी लोग इस गगनचुंबी इमारत को गिरते हुए देखने के लिए आ रहा है.
हालांकि,लोगों ने प्रदूषण से बचने के लिए इंतजाम भी किए हैं. हालांकि, प्रशासन ने कहा है कि ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के समय आसपास के किसी भी सोसाइटी के टावर की छत पर किसी को जाने की अनुमति नहीं है. साथ ही फोटो और वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं होगी.
इस 32 मंजिला इमारत के आसपास कई हाईराइज सोसाइटियां हैं, जिनमें हजारों की संख्या में लोग रहते हैं. अपने सपनों के घऱों को लेकर वह भी चिंतित हैं. सुरक्षा के मद्देनजर इन सभी लोगों को विस्फोट से पहले ही अपने-अपने घरों को छोड़कर दूर जाने के निर्देश प्रशासन पहले ही जारी कर चुका है. ट्विन टावर के आसपास छोटी-बड़ी कुल मिलाकर 6 सोसाइटी हैं. इन 6 सोसाइटी में 3 हजार से अधिक फ्लैट हैं.
ट्विन टावर से बिल्कुल सटी हुई एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है. आस पास की इमारतों के फ्लैट में रहने वाले लोगों को डर भी सता रहा है. उनका कहना है कि ध्वस्तीकरण के बाद जब वो अपने घर में वापस लौटेंगे तो क्या सब कुछ सही सलामत मिलेगा? उनका कहना है कि उनके फ्लैट का इंश्योरेंस तो सुपरटेक ने कराया है, लेकिन घर में मौजूद सामान का क्या होगा?
सुपरटेक के ट्विन टावर्स को आज दोपहर ढाई बजे जमींदोज करने के लिए इसके दोनों टावर एपेक्स और सियान में 9,640 छेद कर 3700 किलोग्राम बारूद भरा गया है. देश में पहली बार इतना बड़ा ब्लास्ट किया जा रहा है.
जानकारों की मानें तो ध्वस्तीकरण के बाद इससे 55,000 से 80,000 टन तक मलबा निकलेगा. जिसे हटाने में कम से कम 3 महीने का समय लगेगा. इतना ही नहीं, जैसे ही धमाका होगा इससे हवा में कंक्रीट की धूल का बड़ा गुबार उठेगा, जो आसपास के इलाकों पर छा जाएगा. इससे बड़ा वायु प्रदूषण होने की संभावना है.