ट्यूटर स्टेटमेंट से काम नहीं चलता, राहुल गांधी पर तंज कसते बोले जेपी नड्डा
दिल्ली। महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी के आरोप पर सवाल पूछा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आज 90 में से सिर्फ 3 सेक्रेटरी ओबीसी हैं. नड्डा ने पूछा कि 2004 से 2014 के बीच कितने ओबीसी सेक्रेटरी थे और कहां थे?
जेपी नड्डा ने कहा कि ओबीसी को लेकर नेहरू के कार्यकाल में काका कालेलकर की रिपोर्ट आई. उसके बाद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय में मंडल कमीशन की रिपोर्ट आई, लेकिन ये पड़ी हुईं थीं. उसके बाद 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सर्विसेज में ओबीसी को रिजर्वेशन दो. जिसके बाद 1995-1996 में ऑल इंडिया सर्विसेज में ओबीसी-एससी-एसटी रिजर्वेशन मिलना शुरू हुआ. बीजेपी अध्यक्ष ने बताया कि अभी जो भी कैबिनेट सेक्रेटरी हैं, वो 1992 से पहले के लोग हैं. उसके बाद नड्डा से राहुल गांधी से पूछा कि 2004 से 2014 तक कितने सेक्रेटरी ओबीसी थे और कहां थे वो ओबीसी के सेक्रेटरी. जरा हमको इसका ज्ञानवर्धन कीजिए.
वहीं राहुल गांधी पर तंज कसते हुए नड्डा ने कहा कि लीडर को लीडर बनना पड़ेगा, ट्यूटर से काम नहीं चलता. ट्यूटर स्टेटमेंट से काम नहीं चलता है. अगर ट्यूटर कोई लीडर हो तो भी समझ आता है, इन एनजीओ को लेकर आ जाते हो. वो आपको समझाते हैं और आप बोलकर निकल जाते हैं. ऐसे नहीं चलता है. इसके अलावा जेपी नड्डा ने कहा कि आजाद भारत में 12 महिलाएं मुख्यमंत्री बन चुकी हैं. कई देशों में महिलाओं ने वोटिंग राइट्स के लिए लंबा संघर्ष किया. हमारे यहां पहले आम चुनाव में ये महिलाओं को ये अधिकार मिला. उन्होंने सरोजनी नायडू की ब्रिटिश पीएम को चिट्ठी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमारा नजरिया अबला, बेचारी का कभी नहीं रहा. हमने आगे बढ़ाने का काम किया. हमारे देश को कई दूसरे देशों के मुकाबले पहले महिला प्रधानमंत्री मिल गई थीं.