लखनऊ: 14 जून को अग्निपथ योजना का ऐलान हुआ और तब से ही देश में घमासान मचा है. सबसे पहले तो आर्मी की तैयारी कर रहे छात्रों ने योजना के विरोध में हंगामा किया. धीरे-धीरे यह विरोध आगजनी-बवाल और तोड़फोड़ में बदल गया. अब जब सुरक्षा सख्त की गई तो हंगामा तो नहीं हो रहा है, मगर सियासी घमासान मचा है.
इस बीच देश के कई बड़े कॉरपोरेट घराने और दिग्गज उद्योगपति, केंद्र सरकार की इस योजना के समर्थन में उतर आए हैं. टाटा समूह ने कहा कि वह अग्निवीरों को अपने यहां नौकरी में प्राथमिकता देगी. कॉरपोरेट घरानों के इस वादे पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा है और कंपनियों को रिटायर सैनिकों की लिस्ट भेजी है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा, 'अग्निवीरों को भविष्य में अपनी कंपनियों व कार्यालयों में नौकरी देने का जो भावी वादा बड़े-बड़े लोग कर रहे हैं, उनके उस वादे पर युवा भरोसा कर सकें, इसके लिए हम ऐसा वादा करने वालों का सहयोग करना चाहते हैं और रिटायर सैनिकों की सूची तत्काल भेज रहे हैं.'
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगे कहा, 'वो उन रिटायर सैनिकों को तुरंत अपनी कंपनियों व कार्यालयों में नौकरी देकर अपने वादे की सत्यता और गंभीरता अभी साबित करें, जिससे भावी अग्निवीर उन पर 4 साल बाद भरोसा कर सकें. भरोसा कथनी से नहीं, करनी से पैदा होता है.' अखिलेश यादव ने रिटायर सैनिकों की लिस्ट बना ली है.
दरअसल, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने न सिर्फ अग्निपथ योजना की तारीफ की, बल्कि ये भी कहा कि टाटा समूह की कंपनियां अग्निवीरों को 4 साल की सेवा के बाद नौकरी में प्राथमिकता देंगी. टाटा संस के चेयरमैन से पहले महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका भी अग्निपथ योजना का समर्थन कर चुके हैं.
इसके अलावा बायोकॉन लिमिटेड की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ और अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की ज्वाइंट मैनेजिंग डाइरेक्टर संगीता रेड्डी जैसे उद्योगपति अग्निपथ योजना का समर्थन कर चुके हैं. अग्निपथ योजना की तारीफ करते हुए आनंद महिंद्रा ने कहा था कि महिंद्रा ग्रुप इस तरह के प्रशिक्षित व सक्षम युवाओं को हमारे यहां भर्ती का मौका देगा.