भारत से पंगा, कौन हैं IFS अधिकारी संजय कुमार वर्मा? भारत खुलकर अपने अधिकारियों के समर्थन में उतरा

देश छोड़ने के निर्देश दिए हैं.

Update: 2024-10-15 04:40 GMT
नई दिल्ली: कनाडा ने भारतीय अधिकारियों पर सवालिया निशान लगाए हैं। कनाडा में जारी आपराधिक गतिविधियों की जांच को लेकर भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा समेत कई अधिकारियों के नाम का जिक्र किया गया। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई और कनाडा को जवाब देने की बात कही है। फिलहाल, भारत और कनाडा दोनों ने ही 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है और देश छोड़ने के निर्देश दिए हैं।
28 जुलाई 1965 में जन्मे वर्मा ने पटना यूनिवर्सिटी से शिक्षा हासिल की है। यहां से ग्रेजुएट होने के बाद वह फिजिक्स में पीजी डिग्री के लिए दिल्ली IIT इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पहुंचे। उनकी पत्नी का नाम गुंजन वर्मा और दोनों का एक बेटा और एक बेटी हैं। भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, वर्मा को IT, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर डिप्लोमेसी में खासी दिलचस्पी है।
उन्होंने साल 1988 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में कदम रखा था। वह हांगकांग, चीन, वियतनाम, तुर्किए, मिलान (इटली) में सेवाएं दे चुके हैं। वह, सुडान में भारतीय राजदूत रहे। सुडान के बाद वह विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव और बाद में अतिरिक्त सचिव भी बने। कनाडा पहुंचने से पहले वह जापान और मार्शल आईलैंड में भारत के राजदूत रहे।
भारत ने भारतीय उच्चायुक्त वर्मा के खिलाफ आरोपों को ‘मनगढ़ंत’ और ‘बेतुका’ बताते हुए इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा बताया, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को कल कनाडा से एक ‘राजनयिक संदेश मिला, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में एक मामले के सिलसिले में चल रही जांच की ‘निगरानी’ में हैं’। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘हमें उनकी सुरक्षा की मौजूदा कनाडा सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है। इसलिए, भारत सरकार ने उच्चायुक्त और निशाना बनाए जा रहे अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है।’
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