नई दिल्ली (आईएएनएस)| गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को दो चरणों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में 30 से अधिक साल के बाद त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। गुजरात चुनाव से पहले विशेष (एक्सक्ल्यूसिव) सीवोटर-एबीपी द्वारा एक जनमत सर्वेक्षण किया गया, इससे यह पता लगाने की कोशिश की गई कि लोगों के मन में क्या है और किस पार्टी का पलड़ा भारी है। गुजरात के सभी 182 विधानसभा क्षेत्रों के 22,807 लोगों ने इस सर्वेक्षण में अपना मत रखा है।
सर्वेक्षण के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) राज्य में एक मजबूत ताकत के रूप में उभरी है और आगामी चुनावों में 20 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर हासिल करने का अनुमान है। यह गुजरात विधानसभा चुनावों को त्रि-कोणीय मुकाबला बनाता है, जैसा कि पिछले तीन दशकों के दौरान उत्तर प्रदेश में देखा गया था, जब बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के लिए लोकप्रिय समर्थन था, हालांकि 2022 के विधानसभा चुनावों में बसपा कुछ खास नहीं कर पाई, या यह कहें बसपा का समर्थन गिर गया।
इससे पहले गुजरात में इसी तरह का त्रिकोणीय मुकाबला 1990 में देखा गया था। उस चुनाव में, तत्कालीन जनता दल को लगभग 30 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 31 प्रतिशत तक गिर गया था। उस समय बीजेपी को करीब 27 फीसदी वोट मिले थे।
इस बार फिर, त्रिकोणीय मुकाबले की ओर झुकी गुजरात की जन भावना कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी, जैसा कि उसने 1990 में किया था। ओपिनियन पोल द्वारा किए गए अनुमानों के अनुसार, 2017 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार कांग्रेस का वोट शेयर 12.5 प्रतिशत घटकर 29.1 प्रतिशत रह सकता है। 2017 में, कांग्रेस ने 182 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 77 सीटें जीतकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी।
लेकिन त्रिकोणीय मुकाबलेसे कांग्रेस को नुकसान होगा क्योंकि इस बार उसके 31 से 39 सीटों के बीच जीतने का अनुमान है। गुजरात में दो चरणों में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा। हिमाचल प्रदेश के साथ ही नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।