इलाज कराना हो जाएगा महंगा, दवाइयों की कीमत 30% तक बढ़ी

Update: 2022-06-30 10:26 GMT
न्यूज़ क्रेडिट: आजतक 

नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले रुपये के लगातार कमजोर होने का असर अब कई दवाइयों की कीमत पर भी पड़ने लगा है. इससे देश के एक पहाड़ी राज्य में दवाइयों की कीमत 30% तक बढ़ गई है और इसमें शुगर से लेकर बीपी (रक्तचाप) तक की दवाइयां शामिल हैं.

उत्तराखंड में दवाइयों की कीमत में 30% तक बढ़ गई है. मिंट की खबर के मुताबिक यहां मेडिकल स्टोर पर दवाइयों की जो नई पैकेजिंग पहुंच रही है उन पर बढ़ी हुई कीमतें दर्ज हैं. ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के हेड प्रमोद कलानी का कहना है कि इंटरनेशनल मार्केट में दवाओं के कच्चे माल की कीमतों में बेहताशा बढ़ोतरी हुइ है. इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हुआ है और कच्चे माल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. इसलिए दवाओं की कीमत बढ़ानी पड़ी है.
बुखार वगैरह में काम आने वाली सबसे कॉमन दवा पैरासिटामोल के कच्चे माल का भाव पहले 5,000 रुपये किलोग्राम था, ये अब 9,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है. इसलिए कंपनियों ने इसके दाम में बढ़ोतरी की है. दवाओं की कीमत में ये बढ़ोतरी पिछले महीने के मुकाबले 10 से 30% तक बढ़ी है. शुगर के इलाज में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन Ryzodeg पहले 1024 रुपये का था, अब ये 1126 रुपये का हो गया है. इसी तरह शुगर की दवा Glycomet पहले 155 रुपये की थी, अब ये 170 रुपये हो गई है. इसी तरह लीवर की दवा Udiliv पहले 580 रुपये थी जो अब 694 रुपये की हो गई है.
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार टूट रहा है. लगभग एक महीना पहले इसका भाव 77.60 रुपये प्रति डॉलर था. अभी ये 79.01 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच चुका है. बीते एक साल में रुपया डॉलर के मुकाबले 74.37 रुपये के स्तर से 79 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है.

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