सिविल कोर्ट में ट्रांसफार्मर ब्लास्ट से दर्दनाक हादसा, वकील की जलकर मौत, 6 लोग झुलसे
पटना। राजधानी पटना के सिविल कोर्ट में बुधवार को दर्दनाक हादसा हुआ। मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को तकरीबन 1:30 के आसपास शॉर्ट सर्किट के कारण कोर्ट परिसर में लगा ट्रांसफार्मर ब्लास्ट हो गया। ट्रांसफार्मर ब्लास्ट होने से अफरा तफरी का माहौल बना रहा और वही इस दर्दनाक हादसे में एक वकील की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं कई लोग बुरी तरह से झुलस गए हैं। 6 लोग झुलसे हैं। अचानक हुए इस हादसे के कारण अशोक राजपथ पर हड़कंप मच गया है। काफी देर तक हादसे वाली जगह पर भगदड़ की स्थिति बन गई। ट्रांसफॉर्मर सिविल कोर्ट के गेट पर लगा था। जख्मी सभी लोग भी पेशे से वकील बताए जा रहे हैं। वही जाम के कारण सही समय पर अग्निशमन की गाड़ी नहीं पहुँचने से अधिक नुक़सान हुआ है। घटना को लेकर वकीलों में काफ़ी रोष है। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि दोपहर को अचानक शार्ट सर्किट के कारण कोर्ट परिसर का ट्रांसफार्मर ब्लास्ट कर गया। आवाज़ इतना ज़ोरदार था की कई टेबुल तक हिल गये।
आसपास में बैठे वकील एवं पुलिसकर्मी कुछ समझ पाते की तबतक आग ने कई को अपने लपेटे में ले लिया। ट्रांसफ़ॉर्मर ब्लास्ट की सूचना प्रशासन को दी गयी लेकिन जाम के कारण सही समय पर अग्निशमन की पर्याप्त गाड़ियाँ नहीं पहुंच सकी और आग अपने क़ाबू में कई को लपेटे में ले लिया। कई ज़ख़्मी को पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बिजली विभाग के अधिकारी सहित पुलिस- प्रशासन के अधिकारी मौक़े वारदात पर पहुँच चुके हैं और मामले की जांच कर रहे है। वकील संगठन ने सरकार से 20 लाख रूपये मुआवज़ा व पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी देने की माँग किया है। मृतक वकील की पहचान देवेंद्र प्रसाद के रूप में हुई है। घटना के बाद से सभी वकील आक्रोशित दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल पटना सिविल कोर्ट के बाहर तमाम आक्रोशित वकील हंगामा कर रहे हैं। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है और लोगों को समझाने की कोशिश कर रही है। घटना की सूचना मिलते ही तमाम वरीय पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं और तफ्तीश जारी है। वही हादसे के बाद वकील धरने पर बैठक गए हैं। पुलिस की गाड़ी को भी रोक लिया है। वकीलों का कहना है कि इन लोगों ने गलत रिपोर्ट दी थी कि वकीलों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह है, लेकिन हमारे बैठने के लिए अंदर जगह नहीं है। अगर रिपोर्ट सही दी होती तो आज हमारे साथी की मौत नहीं होती। सेक्रेटरी, जीएम और जिला जज की मिलीभगत से ये हुआ है। तीनों पर केस दर्ज होना चाहिए।