पुलिस द्वारा किसानों को हटाने की कोश‍िश के बाद यूपी से लगती दिल्ली की सीमा पर लगा ट्रैफिक जाम

गाजीपुर बॉर्डर से धरने पर बैठे किसानों को हटाने के आदेश की ख़बर के बाद वहां हलचल बढ़ गई. पुलिस का जमावड़ा भी देखने को मिला. गुरुवार रात करीब 8 बजे NH-24 में अक्षरधाम से गाजियाबाद मंडी के बीच जाम देखने को मिला.

Update: 2021-01-28 16:19 GMT

जनता से रिश्ता वेब डेस्क।  नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर से धरने पर बैठे किसानों को हटाने के आदेश की ख़बर के बाद वहां हलचल बढ़ गई. पुलिस का जमावड़ा भी देखने को मिला. गुरुवार रात करीब 8 बजे NH-24 में अक्षरधाम से गाजियाबाद मंडी के बीच जाम देखने को मिला. मालूम हो कि गाजीपुर (Ghazipur) में दिल्‍ली-यूपी बॉर्डर (Delhi-Uttar Pradesh border) पर उस समय तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई जब कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए डटे किसानों से विरोध प्रदर्शन खत्‍म करने और रास्‍ता खाली करने को कहा गया.

सूत्रों के अनुसार, आदेश देने वाले गाजियाबाद प्रशासन की योजना गुरुवार रात तक रास्‍ते को खाली करने की है. उधर किसानों ने इससे इनकार कर दिया, किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने ऐलान किया वे गोलियां का सामना करने के लिए तैयार हैं.

क‍िसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने शांतिपूर्ण तरीके से बैठकर विरोध करने को न्‍यायोचित बताया है. गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई, इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अख्तियार कर रही है. यही यूपी सरकार का 'चेहरा' है.''

गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली और यूपी की पुलिस पहुंच गई थी. पुल‍िस ने गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसानों से आज सड़क खाली करने को कहा था. गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की वॉटर सप्लाई काट दी गई है. पुलिस ने यहां लगाए गए पोर्टेबल टॉयलेट भी हटाने शुरू कर दिए.

बता दें कि 26 जनवरी की घटना के बाद से कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर अस्थिरता फैली हुई है. गणतंत्र दिवस के दिन किसानों का ट्रैक्टर मार्च बेकाबू हो गया था, जिसके बाद आईटीओ, लालकिला और नांगलोई समेत दिल्ली के कई इलाकों में जमकर बवाल मचा. इसे लेकर दिल्ली पुलिस ने 20 किसान नेताओं के खिलाफ नोटिस जारी करके पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए?


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