रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत पहले यदि कुछ बोलता था तो दुनिया भारत की बातों को गंभीरता से नहीं सुनती थी लेकिन आज भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कुछ बोलता है तो दुनिया कान खोलकर सुनती है। दरअसल, रक्षा मंत्री स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए देहरादुन पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि यह लगातार सीखते रहने की आदत ही, किसी व्यक्ति को सफलता की राह दिखाती है। जीवन में सफलता और असफलता साथ-साथ चलती है। अन्तर इस बात का होता है कि आप अपनी असफलताओं से क्या सीख लेते है, और निपटने के लिए क्या रोड मैप बनाते है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी इस बात को कितनी अहमियत देते है उसका पता इसी बात से चलता है कि वे इसी 'टीम स्पिरिट' से पूरी कैबिनेट का नेतृत्व करते है, और साथ में पूरे देश की भावनाओं को जोड़ते हुए, उसे वे 'टीम इंडिया' का नाम देते है। इसलिए आप सबको यह ध्यान रखना चाहिए कि व्यक्तिगत सफलता का महत्व है, मगर जब तक पूरी टीम सफल नहीं होगी, आपकी सफलता को श्रेष्ठता और स्वीकार्यता नही प्राप्त होगी। खेल जगत से टीम स्पिरिट हम सबको जरूर सीखना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आज भारत हर एक क्षेत्र मे आत्मनिर्भर बन रहा हैं। आज भारत एक सशक्त राष्ट्र के रूप मे खुद को स्थापित कर रहा है। ऐसे मे आप सभी एक नए आत्मविश्वास और ऊर्जा के साथ भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
राजनाथ ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत का भारतीय नौसेना में कमीशन किया जाना हम सब के लिए बहुत ही गर्व का पल था। भारत उस एलीट क्लब में भी पहुंच चुका है, जो इतने बड़े पोत का स्वदेशी तौर पर निर्माण करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आप सब अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे जहाँ सफलताओं के साथ असफलताए भी होंगी। जो भी हो कोशिश हमेशा जारी रखियेगा। और जैसा कि हिन्दी के प्रख्यात कवि सोहन लाल द्विवेदी ने लिखा है। लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नही होती।
{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}