आज सीएम योगी 'भगवा ध्वज' लेकर पश्चिम बंगाल में गरजेंगे, कई सभाएं प्रस्तावित
पश्चिम बंगाल में ममता सरकार का तख्ता पलट करने के लिए पूरा जोर लगा रही
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: लखनऊ, पश्चिम बंगाल में ममता सरकार का तख्ता पलट करने के लिए पूरा जोर लगा रही भारतीय जनता पार्टी अब अपने मिशन को और धार देने जा रही है। भाजपा के स्टार प्रचारक और कट्टर भगवा ब्रांड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बंगाल विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारे जा रहे हैं। चुनाव की घोषणा के बाद पहली बड़ी रैली मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ बंगाल के मालदा में कर हिंदू वोटों को एकजुट करने की अपनी मुहिम का शंखनाद करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जरिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सियासी किले पर हमला बोलने की पूरी तैयारी कर ली है। पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में की मंगलवार को एंट्री होगी। चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा पश्चिम बंगाल में सबसे बड़ी चुनावी रैली करने जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी के बाद पार्टी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक सीएम योगी आदित्यनाथ को मैदान में उतार कर भाजपा नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल को लेकर अपनी आक्रामक रणनीति साफ कर दी है।
पहले से ही कट्टर छवि वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में गुंडे-माफिया पर सख्त कार्रवाई, लव जिहाद रोकने के लिए कानून, दंगाइयों की संपत्ति जब्त कर वसूली जैसे फैसले कर उस छवि को और तराशने के साथ ही सख्त प्रशासक के रूप में भी उभरे हैं। ऐसे में देशभर में कहीं भी चुनाव हो, स्टार प्रचारक के रूप में उनकी बेहद मांग रहती है। ऐसे में सांप्रदायिक लिहाज से काफी संवेदनशील पश्चिम बंगाल में भाजपा सीएम योगी को हिंदुत्व वोटों के ध्रुवीकरण के लिए उतारने जा रही है।
माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की ही खास तौर पर वह शैली है, जो सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को उसी तेवर में जवाब दे सकते हैं। हिंदू वोटों पर इसका अच्छा असर हो सकता है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को उनकी पहली सभा मालदा के गाजल कॉलेज मैदान में है। इसके बाद बंगाल और केरल में लगभग एक दर्जन से अधिक सभाएं सीएम योगी कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य उन राज्यों में भी जाएंगे, जहां चुनाव हो रहे हैं।
मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की पहली चुनावी जनसभा से बंगाल के चुनाव पर केसरिया रंग चढ़ने की पूरी कोशिश होगी। गरीबी और पिछड़ेपन से जूझ रहे पश्चिम बंगाल के चुनावी मंच से सीएम योगी यूपी के विकास के मॉडल की झलक दिखलाएंगे। सांस्कृतिक वैभव और आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनते उत्तर प्रदेश में माफिया और अपराधियों से निपटने के योगी मॉडल की गूंज भी बंगाल में मंगलवार को सुनाई देगी।
पश्चिम बंगाल में भाजपा की रणनीति योगी मॉडल के जरिए ममता बनर्जी को चौतरफा घेरने की है। बिहार और हैदराबाद में योगी आदित्यनाथ की रैलियों से मिली सफलता को पार्टी अब पश्चिम बंगाल में दोहराने की तैयारी में है। योगी की रैलियों से कोरोना के दौरान पश्चिम बंगाल में प्रवासी मजदूरों की दशा, लव जिहाद, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और राम मंदिर निर्माण का मुद्दा पश्चिम बंगाल के सियासी पारे को नए पैमाने पर ले जाएगा ।
योगी आदित्यनाथ की छवि फायरब्रांड हिंदू नेता के साथ ईमानदार व सख्त प्रशासक की है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हैदराबाद के नगर निकाय चुनाव में प्रचार करने वाले वह बीजेपी के इकलौते मुख्यमंत्री थे। उनके चुनाव प्रचार का असर चुनाव के नतीजों में देखने को भी मिला। बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 48 सीटें जीतीं और ओवैसी की पार्टी को तीसरे नंबर पर धकेलकर दूसरे नंबर की पार्टी बन गई।
इससे पहले बिहार के चुनाव में भी सीएम योगी आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार का कमाल लोग देख चुके हैं। सीएम योगी ने बिहार चुनाव में 17 जिलों में 19 सभाएं कर 75 से ज्यादा सीटों के परिणाम प्रभावित किए। आतंक, अपराध और भ्रष्टाचार पर आक्रामक प्रहार करते हुए सीएमयोगी ने इनमें से 50 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों को जीत दर्ज करा दी।