फर्जी नियुक्ति घोटाले को लेकर शुक्रवार को जांच समिति के सामने सबूत पेश करेंगे तीन लोग

Update: 2022-10-26 15:07 GMT

एनसीआर नॉएडा न्यूज़: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में हुए फर्जी नियुक्ति घोटाले का पर्दाफाश जल्दी होने जा रहा है। इस मामले में जांच के लिए बनी समिति के सामने तीन लोग शुक्रवार को फर्जी नियुक्ति से संबंधित सबूत रखेंगे। सीएम पोर्टल पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में फर्जी नियुक्तियों की शिकायत करने वाले बादलपुर गांव के किसान राजेंद्र नागर के अलावा इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए नवयुवक आकाश त्यागी सबूत पेश करेंगे। प्राधिकरण में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले और साक्षात्कार देने के बावजूद परिणाम का इंतजार कर रहे एक और युवक जांच में शामिल होंगे।

इन तीनों को जांच समिति ने बुलाया है: इन तीनों लोगों को जांच समिति के सदस्य और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के प्रमुख कार्यपालक अधिकारी आन्नद वर्धन ने बुलावा भेजा है। तीनों लोगों को शुक्रवार को 11 बजे अथॉरिटी में पहुंचना है। वहीं, इस घोटाले के बारे में सबसे पहले सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने वाले राजेंद्र नागर ने बताया कि उनके पास फर्जी नियुक्ति घोटाले से संबंधित सभी साक्ष्य हैं। आरटीआई के माध्यम से अथॉरिटी से फर्जी नियुक्तियों के मामले में जानकारी मांगी थी। राजेंद्र नागर ने बताया कि अथॉरिटी के मानव संसाधन विभाग ने गोलमोल जवाब दे दिया। इसके बावजूद हम लोगों ने अपने स्तर पर साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं।

केवल भाई, भतीजे और रिश्तेदार कैसे पा गए नौकरी: राजेंद्र नागर का कहना है कि 70 लोगों की नियुक्तियों में सबसे अधिक नौकरी पाने वाले ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी, कर्मचारियों के बेटा, नाती और रिश्तेदार शामिल हैं। उन्होने बताया कि सबसे बडा साक्ष्य तो फर्जी तरीके से 8 साल से बगैर चुनाव करवाए एंप्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष बने बैठे गजेंद्र चौधरी हैं। उन्होने अपनी पत्नी, बेटे, भजीते, बहू और रिश्तेदार समेत दस लोगों को फर्जी तरीके से नौकरियों पर लगावाया है। राजेंद्र नागर का कहना है कि फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले लोगों की लम्बी लिस्ट है। इनमें सीईओ के स्टाफ आफिसर के बेटे, एसीईओ अमनदीप डुली के स्टाफ आफिसर के भतीजे, चपरासी के दो बेटे, प्रॉपटी विभाग में तैनात चपरासी के दो बेटे, 15 साल से अथॉरिटी अफसरों के लिए दलाली करने वाला कर्मचारी है। जिस एजेंसी के माध्यम से जैम पोर्टल पर नियुक्ति की गई हैं, उसके दो रिश्तेदार और एचआर विभाग में तैनात सीनियर मैनेजर के रिश्तेदार समेत 70 लोगों ने इस तरह जुगाड़बाजी से नौकरी पा ली हैं।

नौकरी मांगने वाले दो युवक भी सबूत पेश करेंगे: राजेंद्र नगर का कहना है कि अगर अथॉरिटी में नियुक्ति करनी होती है तो बाकायदा उसके लिए दो समाचार पत्रों में विज्ञापन देना होता है। पहले लिखित परीक्षा और इसके बाद इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, लेकिन ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने नियमों को ताक पर रखकर रेवडी की तरह अपने-अपनों की नियुक्ति कर डाली गईं। ऐसे दो युवक भी सामने आए हैं, जिन्होंने जेम पोर्टल पर आवेदन किया था। उनका साक्षात्कार और लिखित परीक्षाएं हुईं लेकिन परिणाम आज तक घोषित नहीं किया गया है। इन दोनों युवकों ने भी मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की हैं। यह दोनों भी जांच समिति के सामने अपना पक्ष रखेंगे।

Tags:    

Similar News

-->