नोएडा के सेक्टर-63 स्थित एक इमारत स्थित तीन कंपनियों पर मंगलवार को राज्य वाणिज्यकर विभाग (विशेष अनुसंधान शाखा) की टीम ने छापा मारा। फर्जी कंपनी से लेनदेन दिखाने के अलावा कंपनियां आपस में बिल घुमाकर टैक्स चोरी कर रही थी। 22.67 करोड़ रुपये वार्षिक टर्नओवर वाली इन कंपनियों द्वारा 3.72 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी गई है। इनमें से दो कंपनियां कई साल से जीएसटी में पंजीकृत हैं।
राज्य वाणिज्यकर विभाग गौतमबुद्ध नगर के ज्वाइंट कमिश्नर मनोज कुमार ने बताया कि नोएडा जोन के संभाग बी द्वारा खंड दस की ओर से तीन कंपनियों की जांच की गई थी। कंपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर, एलईडी लाइट्स, सेल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का निर्माण व बिक्री करती है। एक कंपनी द्वारा आपस में लगभग 850 लाख की सरकुलर ट्रेडिंग करके कर की चोरी की जा रही थी। इसमें कंपनियां आपस में ही बिल घुमाकर टैक्स की चोरी कर कर रही थी। वहीं दूसरी कंपनी की ओर से 554.45 लाख का माल ऐसी कंपनी से मंगाया दिखाया गया था, जो कि थी ही नहीं। इसमें अकेले एक बिल का मूल्य 310 लाख रुपये है। सभी बिल को सीज कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि तीन कंपनियों से 814.54 लाख रुपये का माल, अभिलेखों और बही खाता में दर्ज न होने के कारण सीज कर दिया गया है। कंपनी ने 352 लाख रुपये का माल, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स आदि सामान है, फर्जी कंपनी को बिक्री दिखाते हुए टैक्स चोरी की है। उन्होंने बताया कि चोरी किए गए कर की वसूली की जा रही है।
फर्जी कंपनी बनाकर 16 करोड़ रुपये की हेराफेरी का खुलासा किया था
इससे पहले राज्य वाणिज्यकर विभाग की टीम ने फर्जी कंपनी बनाकर 16 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी थी। ग्रेटर नोएडा के पते पर पंजीकृत फर्जी कंपनी दिल्ली की फर्म को सामान की बिक्री दिखाती थी, जो कि नकली थी। इसके जरिए कंपनी ने 16 करोड़ रुपये का टर्न ओवर दिखाया और साढ़े चार करोड़ रुपये इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल कर लिया।
कर चोरी करने वाली कंपनियों पर लगातार कार्रवाई होगी
राज्य वाणिज्यकर विभाग गौतमबुद्ध नगर के ज्वाइंट कमिश्नर मनोज कुमार ने कहा कि टैक्स चोरी कर रही कंपनियों की सूची बनाई गई है। जल्द ही इन पर कार्रवाई शुरू होगी। इसमें छापेमारी के अलावा सड़कों पर भी जांच टीमें कंपनियों का माल पकड़ेंगी।