प्रदूषण फैलाने वालों को होगी जेल

सख्त नियम

Update: 2022-11-26 03:42 GMT
यूपी। अब गंगा में प्रदूषण फैलाना महंगा पड़ेगा। गंगा में प्रदूषण का खेल करने वाली कंपनियों और उनके अफसरों के खिलाफ नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग मुकदमा दर्ज कराएगा। नदी स्वच्छता में लापरवाही बरतने वाली कंपनियों और उनके अफसरों के खिलाफ सरकार करवाई की तैयारी में है। प्रयागराज में विभागीय कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे जल निगम (ग्रामीण) के एमडी डॉ बलकार सिंह ने इस बाबत अफसरों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने हर हाल में फाफामऊ एसटीपी को 20 दिसंबर से पहले शुरू करने के निर्देश अफसरों को दिए। एमडी ने कार्यदाई संस्था और अफसरों को कड़ी करवाई की चेतावनी भी दी। उन्होंने गंगा की तरफ आने वाले दर्जन भर नालों को 15 दिन के भीतर टैप करने के निर्देश दिए हैं।

एमडी ने अफसरों के साथ सलोरी, नैनी और फाफामऊ में निर्माणाधीन एसटीपी का निरीक्षण किया। उन्होंने रेस्ट हाउस में विभागीय अफसरों के साथ गंगा स्वच्छता और जनजीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा की। एमडी ने लापरवाह अफसरों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि गंगा में एक भी नाला गिरा तो जिम्मेदारों की खैर नहीं होगी। उनके खिलाफ एफआईआर भी होगी और जुर्माने की वसूली भी। उन्होंने नालों को टैप्ड करने की कार्रवाई को और तेज करने के लिए भी कहा। प्रयागराज महाकुंभ 2025 से पहले गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के सरकार के अभियान को सफल बनाने के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के आला अधिकारियों को निर्देश दिए।

फाफामऊ एसटीपी का निर्माण कर रही कम्पनी को जल निगम के एमडी डॉ. बलकार सिहं ने चेतावनी जारी करने के निर्देश दिये। हर हाल में 20 दिसम्बर से पहले एसटीपी शुरू करने और गंगा की तरफ आने वाले सभी नालों की अनिवार्य टैपिंग के भी उन्होंने निर्देश दिये। एसटीपी की प्रतिदिन की समीक्षा और प्रगति रिपोर्ट तलब की। एमडी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि समय सीमा से एक दिन भी काम आगे बढ़ा तो कार्रवाई के लिए अफसर तैयार रहें।

प्रबंध निदेशक जल निगम (ग्रामीण ) उत्तर प्रदेश डॉ. बलकार सिंह सलोरी एसटीपी का निरीक्षण करने पहुंचे। जल निगम के अधिकारियों को सलोरी एसटीपी का सौंदर्यीकरण करने के निर्देश दिये। साथ ही 24 घंटे मॉनीटरिंग और औचक निरीक्षण करने को भी कहा। उन्होंने स्थलीय निरीक्षण में एक-एक कार्य को नजदीक से देखा। नैनी एसटीपी का काम कर रही कम्पनी को निर्माण की गुणवत्ता बेहतर करने और प्लांट के आसपास सफाई और पौधरोपण के निर्देश दिये। समीक्षा बैठक में एमडी ने अधिकारियों को फरवरी 2023 तक झूंसी के एसटीपी को संचालित करने के निर्देश भी दिये। जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर जल योजना की भी डॉ. बलकार सिंह ने समीक्षा की। इस दौरान अधिकारियों को चेतावनी देते हुए काम समय पर पूरा किये जाने के भी अफसरों को निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार नदियों के मुद्दे पर बहुत सजग है। ऐसे में सभी अधिकारियों का दायित्व बनता है कि पूरी निष्ठा के साथ सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करें।

गौरतलब है कि प्रयागराज नगर में वर्तमान में 470.84 एमएलडी सीवेज का उत्सर्जन हो रहा है। 7 एसटीपी से 348.96 एमएलडी सीवेज का शोधन किया जा रहा है। इसमें नालों से गिरने वाली गंदगी 152.18 एमएलडी और सीवर नेटवर्क की गंदगी 196.78 एमएलडी है। 72 एमएलडी के 3 एसटीपी का निर्माण कार्य प्रगति पर है। नैनी, झूंसी और फाफामऊ में सीवेज शोधन हेतु 72 एमएलडी क्षमता (42 एमएलडी नैनी-2 एसटीपी, 16 एमएलडी झूंसी एसटीपी, 14 एमएलडी फाफामऊ एसटीपी) के एसटीपी का निर्माण कार्य नमामि गंगे योजना के तहत वर्तमान में प्रगति पर है।

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