स्‍मार्ट मीटर धीमा करने वाले दबोचे गए, ऐसे पकड़ाए

मचा हड़कंप।

Update: 2022-07-12 03:00 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बिजली के मीटर में खेल करके बिल कम करने का मामला सामने आया है. मामला इसलिए दिलचस्प है क्योंकि बिजली के विभाग के ही अधिकारी को शख्स ने 5 हजार रुपये में बिजली बिल कम करने का ऑफर दे डाला. शख्स इस बात से बिल्कुल अंजान था कि जिसे वह बिजली बिल कम करने का ऑफर दे रहा है वह बिजली विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (Executive Engineer of Electricity Department) हैं.

जानकारी के मुताबिक, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अरविंद ओझा के मोबाइल नंबर पर प्रशांत गुप्ता नाम के व्यक्ति की कॉल आई. प्रशांत ने कहा कि वह 5 हजार रुपये में घर में लगे मीटर को धीमे कर देता है, जिससे बिजली का बिल बेहद कम आता है. उसने बताया कि वह घरों में मीटर लगाने का ही काम करता है.
अरविंद ओझा ने प्रशांत को इंदिरा नगर में स्थित अपने घर आने को कहा. प्रशांत जैसे ही साथी दीपर मौर्य के साथ वहां पहुंचा तो उसके होश उड़ गए. दरअसल, प्रशांत को पकड़ने के लिए बिजली विभाग के अन्य कर्मचारी भी वहां मौजूद थे. प्रशांत और दीपक को बिजली कर्मचारियों ने पुलिस के हवाले कर दिया.
गाजीपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ रामेश्वर कुमार ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. पकड़े गए शख्स के पास से बिजली का मीटर बनाने वाली कंपनी आईपीएस का आईडी कार्ड मिला है. साथ ही पॉली कार्बन सील एवं मीटर सीलिंग बुक भी मिली. एसएचओ ने बताया कि आईपीएस कंपनी को स्मार्ट मीटर लगाने का जिम्मा एल एंड टी (L&T) कंपनी ने 2020 में सौंपा था.
जब पता चला कि बिजली के मीटर को स्लो और बिल को आधा करने वाला शख्स आईपीएस कंपनी से जुड़ा हुआ है तो ऐसे में फिर बिजली विभाग के लोगों ने आईपीएस और एलएनटी कंपनी को रिप्रेजेंट करने वाले जय भगवान पाल और अनुज मिश्रा को भी बुलाया गया. आईपीएस कंपनी के प्रतिनिधि जय भगवान पाल ने प्रशांत गुप्ता की पहचान की और बताया कि प्रशांत पहले वहीं काम करता था. उन्होंने कई बार उसे आईडी कार्ड जमा कराने को कहा. लेकिन उसने आईडी कार्ड जमा नहीं करवाया. फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है कि उसने किन-किन लोगों से इस काम के बदले पैसे लिए हैं.

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