ये महिला बनी पहली खनन इंजीनियर, केंद्रीय मंत्री ने दी बधाई
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रांची। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के उत्तरी करनपुरा क्षेत्र के चूरी में भूमिगत खदान में काम करने वाली पहली महिला खनन इंजीनियर बनने पर आकांक्षा कुमारी को बधाई दी. हज़ारीबाग ज़िले की रहने वाली आकांक्षा सीसीएल की पहली महिला खनन इंजीनियर हैं. इससे पहले मंगलवार को सीसीएल ने संस्था के इतिहास में आकांक्षा कुमारी के इतिहास रचने के बारे में मंगलवार को सोशल मीडिया पर जानकारी दी.
खान मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक जोशी ने कहा कि आकांक्षा कुमारी की यह उपलब्धि महिलाओं के संदर्भ में लैंगिक समानता को बढ़ावा और समान अवसर दिए जाने का वास्तविक उदाहरण है. एक महिला को भूमिगत कोयला खदानों में काम करने की अनुमति देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने प्रगतिशील शासन नमूना पेश किया है. जोशी ने कहा कि डॉक्टर से लेकर सुरक्षा गार्ड और यहां तक कि डंपर तथा बेलचा जैसी भारी मशीन एवं औजार चलाने तक की ज़िम्मेदारियों को महिला कर्मचारी निभाती रही हैं और हर भूमिका में उत्कृष्ट रही हैं. हालांकि, यह पहला अवसर है जब दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनियों में से एक की मुख्य खनन गतिविधि में इस तरह का प्रगतिशील बदलाव देखने को मिलेगा.
आकांक्षा ने सीआईएल का हिस्सा बनने से पहले राजस्थान में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की बलरिया खान में तीन साल तक काम किया है. BIT सिंदरी से ग्रैजुएशन करने वाली आकांक्षा झारखंड के ही हज़ारीबाग ज़िले से ताल्लुक रखती हैं. सीआईएल के इतिहास में वह पहली महिला माइनिंग इंजीनियर बनने जा रही हैं, जो अंडरग्राउंड माइन्स में काम करेगी. सीसीएल रांची ने महिला शक्ति को हैशटैग करते हुए अपने ट्विटर से मंगलवार को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बारे में बताया.