नई दिल्ली: वाराणसी के श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सोमवार को जिला अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान 4 याचिका रद्द की गईं. कई याचिकाकर्ताओं ने इन दोनों मामलों में पार्टी बनने के लिए प्रार्थना पत्र भी दिए थे. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 1/10 के तहत 4 आवेदन खारिज कर दिए.
पिछली तारीखों में इस तरह की 7 एप्लीकेशन खारिज हो चुकी हैं. अब बचे हुए आवेदन को नॉन प्रजेंस के तहत सुनवाई योग्य नहीं माना जाएगा. अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी. इस दौरान 1/10 के सारे आवेदनों को डिस्पोज कर दिया जाएगा.
जिला जज अगली 21 अक्टूबर की सुनवाई में 84 ग के तहत ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने को खोलने और 256ग के तहत हिंदू पक्ष की एप्लीकेशन पर सुनवाई करेंगे.
बता दें कि इससे पहले 15 अक्टूबर को पोषणीयता (मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं) की सुनवाई पर कोर्ट ने आर्डर सुरक्षित किया था. इस फैसले को 27 अक्टूबर को सुनाया जाएगा. दरअसल, वाराणसी-ज्ञानवापी परिसर से संबंधित माममा सुनने योग्य है या नहीं, इसको लेकर वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है.
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक और एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन पूजा अर्चना प्रारंभ कराने की मांग को लेकर वाराणसी सिविल कोर्ट में सुनवाई चल रही है. जिस पर पोषणीयता का सवाल खड़ा करते हुए मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दर्ज की थी.
इससे पहले वाराणसी की कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग वाली हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी. वाराणसी कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका दायर कर शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की थी.
हिंदू पक्ष की दलील थी कि मस्जिद परिसर में जो शिवलिंग मिला है, उसकी कार्बन डेटिंग या फिर किसी और वैज्ञानिक तरीके से जांच कराई जाए, ताकि उसकी सही उम्र का पता लगाया जा सके. हालांकि, वाराणसी जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष की इस याचिका को खारिज कर दिया है. अब हिंदू पक्ष इस फैसले को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है.