नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ ने जून में प्रस्तावित अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए कमर कस ली है। बल के अधिकारियों का कहना है कि अमरनाथ यात्रा को लेकर आतंकियों के किसी भी मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर सीआरपीएफ 'खुफिया नेटवर्क-हेलीकॉप्टर-ड्रोन' के जरिए यात्रा के रास्ते पर बाज जैसी पैनी नजर रखेगी। हालांकि सीआरपीएफ के अलावा एसआईबी/आईबी की स्थानीय विंग, प्रमुख तौर से सर्विलांस का काम देखेंगी। सीआरपीएफ द्वारा अत्याधुनिक ड्रोन खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई है। संभव है कि इस दफा बल की ढाई सौ से ज्यादा कंपनियां अमरनाथ यात्रा के रूट के विभिन्न हिस्सों पर तैनात की जाएंगी। जम्मू कश्मीर पुलिस व अन्य बल भी तैनात रहेंगे।
सीआरपीएफ मुख्यालय के एक अधिकारी के अनुसार, अभी तक यात्रा को लेकर कोई बैठक नहीं हुई है, लेकिन बल ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। जैसे ही अमरनाथ यात्रा की आधिकारिक सूचना मिलेगी, बल मुस्तैदी से अपना मोर्चा संभाल लेगा। कोरोना के चलते यह यात्रा दो साल बाद होने जा रही है। जम्मू-कश्मीर में अभी तक 64 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। घाटी में अभी विदेशी और स्थानीय आतंकी मौजूद हैं। इस लिहाज से अमरनाथ यात्रा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। सीआरपीएफ और दूसरी एजेंसियों या सुरक्षा बलों को मिलाएं, तो यात्रा रूट पर लगभग 35 से 40 हजार जवान तैनात किए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर पुलिस का सुरक्षा इंतजाम में खास योगदान रहता है। सीआरपीएफ, चूंकि वहां पर आतंकरोधी ऑपरेशनों में सक्रियता से भाग लेती है, इसलिए इस बल को विशेष जिम्मेदारी दी जाती है।
अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकियों की किसी भी हरकत से निपटने के लिए चाकचौबंद सुरक्षा का इंतजाम किया जा रहा है। सीआरपीएफ अधिकारी ने बताया, बल के अलावा एसआईबी और आईबी जैसी एजेंसियां 'सर्विलांस' की जिम्मेदारी संभालेंगी। यात्रा के रूट पर बरसात, भूस्खलन, आतंकी हमला, आईईडी और ड्रोन अटैक आदि पर नजर रखी जाएगी। यात्रा रूट पर हेलीकॉप्टर व ड्रोन तैनात होंगे। आतंकियों के ड्रोन को किस तरह से गिराया जाएगा, इसका मेकेनिज्म तैयार कर लिया गया है। अधिकारी के मुताबिक, यात्रा को लेकर सुरक्षा से जुड़ी अन्य जानकारियां साझा करना ठीक नहीं हैं। केवल इतना कहा जा सकता है कि सीआरपीएफ ने यात्रा से जुड़ी हर तरह की तैयारी पूरी कर ली है। आदेश मिलने के कुछ ही देर बाद निर्धारित प्वाइंट पर यह बल मोर्चा संभाल लेगा।